गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-5 की सड़कों पर गंदगी और कूड़े के ढेर स्थानीय लोगों के लिए गंभीर समस्या बन चुके हैं। नगर निगम के कार्यालय के नजदीक होने के बावजूद सफाई व्यवस्था पूरी तरह लचर है, जिससे इलाके में बदबू और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। रोजाना सैकड़ों लोग इस मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन जगह-जगह फैला कूड़ा उनकी सेहत के लिए खतरा बन गया है। कई बार शिकायत के बावजूद नगर निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में भारी रोष है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां कई बार घंटों तक घरों के पास खड़ी रहती हैं, जिससे गंदगी और बदबू और भी बढ़ जाती है। इस कारण स्कूल जाने वाले बच्चे, वृद्ध और राहगीर सभी प्रभावित हो रहे हैं। बदबू और मच्छरों की समस्या के कारण लोग बीमार पड़ने लगे हैं। इसके बावजूद सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यह स्थिति नगर निगम और प्रशासन के स्वच्छता अभियान की एक बड़ी विफलता को दर्शाती है।
लोगों ने नगर निगम से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द इलाके में सफाई अभियान चलाकर कचरे को नियमित रूप से उठाया जाए। वे यह भी चाहते हैं कि कूड़ा डालने के लिए स्थायी और व्यवस्थित स्थान बनाए जाएं ताकि कूड़ा सड़कों पर न फैले। यदि प्रशासन समय रहते इस ओर ध्यान नहीं देता है तो समस्या और गंभीर हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ेंगे। स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ-साथ प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि वसुंधरा सेक्टर-5 का यह इलाका साफ-सुथरा और स्वस्थ बनाया जा सके।
नगर निगम प्रशासन को चाहिए कि वे कूड़ा प्रबंधन के लिए प्रभावी योजना बनाएं और नियमित निगरानी के जरिए सफाई की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। साथ ही, स्थानीय लोगों को भी स्वच्छता में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इस प्रकार के कदमों से न केवल इलाके की साफ-सफाई होगी, बल्कि लोगों का विश्वास भी प्रशासन पर बढ़ेगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर नागरिक और प्रशासन को मिलकर ऐसे इलाकों को साफ-सुथरा और स्वस्थ बनाना चाहिए ताकि सभी को बेहतर जीवन स्तर मिल सके।