प्रयागराज महाकुंभ के दौरान सोमवार को आयोजित सनातन धर्म संसद में मथुरा को लेकर एक नई आवाज उठी। इस मौके पर प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने वक्फ बोर्ड और मंदिरों के सरकारी नियंत्रण पर तीखे सवाल उठाए।
वक्फ बोर्ड पर सवाल उठाए
धर्म संसद में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड का दावा है कि प्रयागराज की कुंभ भूमि उनकी है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर किसी दिन वक्फ बोर्ड कह देगा कि पूरा भारत उनका है, तो हिंदू समाज कहां जाएगा?” उन्होंने सवाल किया कि जब बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदू बोर्ड नहीं है, तो भारत में वक्फ बोर्ड की क्या आवश्यकता है।
हिंदू अधिकारों की बात
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हिंदू समाज ने बहुत सहन किया है, लेकिन अब समय आ गया है कि वह अपने अधिकार लेकर रहे। उन्होंने कहा कि 2013 के कुंभ में जिन लोगों को व्यवस्थाएं सौंपी गई थीं, वे 15 मिनट के चैलेंज देने वाले लोग थे। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई चुनौती पूरी करनी है, तो नागा साधु ही काफी हैं। हमें सेना की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग
उन्होंने मांग की कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा, “आज भगवान का भोग डीएम तय करते हैं, जबकि यह अधिकार केवल आचार्यों का होना चाहिए।”
मथुरा पर नया नारा
राम मंदिर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “राम मंदिर तो सिर्फ एक झांकी है, मथुरा का पूरा कार्यक्रम अभी बाकी है।” इस बयान से मथुरा को लेकर एक नई चेतना का आह्वान किया गया। धर्म संसद में उनके विचारों को सुनकर श्रद्धालुओं और साधु-संतों ने समर्थन जताया। इस आयोजन ने सनातन धर्म के मुद्दों पर एक नई बहस को जन्म दिया है।