उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के नगीना नगर पालिका पर करोड़ों रुपए के घोटाले का गंभीर आरोप लगाया गया है। यह आरोप जनसेवा ट्रस्ट नगीना के अध्यक्ष परवेज पाशी ने लगाया है, जिन्होंने इस संबंध में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) नगीना को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपकर नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है।
ज्ञापन में परवेज पाशी ने स्पष्ट आरोप लगाए हैं कि नगर पालिका के अध्यक्ष और संबंधित कर्मचारीगण आपसी मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पालिका के विभिन्न खातों से पैसे निकालकर निजी कार्यों में इस्तेमाल किया जा रहा है। इस गड़बड़ी की वजह से नगीना नगर पालिका का विकास पूरी तरह से ठप हो गया है। नागरिक सुविधाएं चरमराई हुई हैं, और आमजन को बुनियादी सुविधाएं तक समय से नहीं मिल पा रही हैं।
परवेज पाशी का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाते हैं और उसे जेल भेजने तक की साजिश रची जाती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि पारदर्शिता और जवाबदेही नाम की कोई व्यवस्था नगीना नगर पालिका में नहीं रह गई है। करोड़ों के बजट में से अधिकांश राशि का गलत उपयोग किया जा रहा है, लेकिन जनता को उसका कोई सीधा लाभ नहीं मिल रहा है।
इस पूरे मामले में एसडीएम नगीना ने ज्ञापन को गंभीरता से लिया है और जांच के संकेत दिए हैं। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक जांच समिति गठित नहीं की गई है, लेकिन यदि यह मामला प्रशासनिक स्तर पर उठता है, तो इसमें कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
स्थानीय लोगों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है और मांग की है कि नगर पालिका का संचालन पारदर्शी तरीके से हो और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की जाए। अगर समय रहते जांच शुरू नहीं की गई, तो जनता में असंतोष और बढ़ सकता है।
इस प्रकार, नगीना नगर पालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि एसडीएम और जिला प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और क्या वाकई दोषियों को कानून के कटघरे में लाया जा सकेगा या नहीं।