Lalitpur : उत्तर प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सड़कों पर छुट्टा जानवरों की समस्या दिन पर दिन विकराल होती जा रही है। हादसों की बढ़ती संख्या अब लोगों की जान पर बन आई है। ये तस्वीरें किसी एक गांव या शहर की नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की हकीकत बन चुकी हैं ,सड़कों पर बैठे ये छुट्टा जानवर अब आम लोगों के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं |
प्रदेश में हर दिन किसी-ना-किसी सड़क हादसे की खबरें सामने आती रहती हैं, कभी ये छुट्टा जानवर बाइक सवार से टकराते हैं, तो कभी चारपहिया जानवारों से टकराकर वाहन ही पलट जाते हैं जिससे कई लोग घायल हो जाते है,जनपद ललितपुर की बात करें, तो यहां कुल तीस गौशालाएं हैं। इनमें सत्ताईस ग्रामीण क्षेत्रों में और तीन शहरी क्षेत्रों में संचालित हो रही हैं | इन गौशालाओं में कुल इकतीस हज़ार दो सौ साठ गोवंश संरक्षित हैं, लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर छुट्टा जानवरों की भरमार है |
वहीं इन जानवरों को लेकर ग्रामीणों का भी रवैया चिंताजनक है। ग्रामीणों का सुबह-शाम जानवरों का दूध निकालने के बाद पशुओं को खुला छोड़ देना आम बात हो गई है। इससे दुर्घटना की आशंका और बढ़ जाती है। नगर निकाय और पालिका कभी-कभार अभियान चलाकर इन जानवरों को पकड़ते हैं, लेकिन कुछ ही दिन बाद वही जानवर फिर सड़कों पर नजर आने लगते हैं…वहीं जब इस गंभीर मुद्दे पर जिम्मेदारों से जवाब मांगा गया तो सबने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया |
सरकार की मंशा चाहे जो भी हो ,लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि छुट्टा जानवर अब आम लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं जिसके लिए प्रशासन, निकाय और पंचायतों को तत्काल कदम उठाने की ज़रूरत है, नहीं तो ये लापरवाही किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है |