लखनऊ में लगातार बारिश के बाद राजधानी की सड़कों और नालियों की स्थिति गंभीर हो गई है। नगर निगम और नगर विकास विभाग की लापरवाही के कारण शहर के कई क्षेत्र जलभराव, टूटी-फूटी सड़कें और जाम हुई नालियों से प्रभावित हैं। इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए MLA डॉ. राजेश्वर सिंह ने त्वरित समीक्षा और सुधार की मांग की है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने पत्र में उल्लेख किया कि हर साल सड़क मरम्मत, नालियों की सफाई और ड्रेनेज सुधार पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सामान्य वर्षा में ही कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं। आलमबाग, राजाजीपुरम, चारबाग, इन्दिरानगर, गोमतीनगर विस्तार, हजरतगंज और सरोजनी नगर जैसे क्षेत्रों में जलभराव की समस्या हर वर्ष गंभीर हो जाती है।
मुख्य समस्याओं में नालियों की दुर्दशा, जाम और अतिक्रमण से बाधित ड्रेनेज, सड़कों की खस्ताहाली और कार्य की गुणवत्ता पर सवाल प्रमुख हैं। इसके अलावा नगर निगम और नगर विकास विभाग के अभियंताओं तथा अधिकारियों की जवाबदेही तय नहीं होती, जिससे जनता को हर वर्ष बारिश के दौरान भारी परेशानी झेलनी पड़ती है।
पत्र में मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि लखनऊ नगर निगम और नगर विकास विभाग की कार्यप्रणाली की तत्काल समीक्षा की जाए। इसके लिए एक उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग समिति गठित की जाए, जो नालियों की सफाई, सड़क मरम्मत और ड्रेनेज सुधार कार्य की गुणवत्ता और समय-सीमा पर निगरानी रखे। इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए और लापरवाही पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
MLA ने दीर्घकालिक बाढ़ प्रबंधन योजना बनाने की भी मांग की है, जिसमें आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक, GIS मैपिंग और वर्षा जल निकासी का वैज्ञानिक आकलन शामिल हो। समीक्षा समिति में स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों जैसे सिविल इंजीनियर, शहरी योजनाकार और जल प्रबंधन विशेषज्ञ को भी शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने पत्र में यह भी रेखांकित किया कि लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है और यहां की स्थिति पूरे राज्य की छवि को प्रभावित करती है। हर वर्ष जलमग्न सड़कें और असुविधाओं से जनता परेशान होती है, जो राजधानी की गरिमा के लिए हानिकारक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि शीघ्र समीक्षा कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाए जाएं, ताकि लखनऊ में वर्षा के दौरान जलभराव और सड़क-नाली की समस्याओं को कम किया जा सके।