डेढ़ साल पहले एक गांव की भौगोलिक सीमा और चंद हजार रुपयों की आमदनी तक सिमटी कौशल्या देवी की किस्मत सीएम योगी के विजन से चमक गई है। अब उनकी पहचान देशव्यापी होने जा रही है। इसका जरिया बना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में स्थापित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एमपीओ)। इस एमपीओ से जुड़कर पशुपालक कौशल्या देवी ने महज डेढ़ साल में करीब चौदह लाख रुपये की आमदनी अर्जित कर आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख डाली है। उनकी सफलता को जुलाई माह में मुख्यमंत्री से सराहना मिली थी तो गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी सक्सेस स्टोरी सुनी और खूब शाबासी दी।
गुरुवार को ग्रेटर नोएडा में आयोजित यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखने वाली जिन महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने और उनसे अपनी सफलता की दास्तां सुनाने का अवसर मिला, उनमें गोरखपुर के चौरीचौरा तहसील क्षेत्र की पशुपालक कौशल्या देवी भी शामिल रहीं। कौशल्या, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से स्थापित श्री बाबा गोरखनाथ कृपा मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन की शेयरहोल्डर हैं। बकौल कौशल्या देवी, पीएम मोदी ने बड़ी सहजता से उनका नाम, पता और कार्य के बारे में पूछा। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि श्री बाबा गोरखनाथ कृपा एमपीओ से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी बदल गई है। उन्होंने एमपीओ से जुड़ने के बाद पशुपालन/दुग्ध संग्रह के काम से मिली आर्थिक कामयाबी का जिक्र करने के साथ बताया कि डेढ़ साल में ही वह करीब 14 लाख रुपये का आय अर्जित कर चुकी हैं। संस्था से जुड़ने से पहले उनके पास मात्र दो पशु थे, इनकी संख्या बढ़कर 14 हो चुकी है। कौशल्या के अनुसार, एमपीओ ने नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से करीब छह माह पहले उनके घर गोबर गैस यूनिट भी लगवा दिया है। जब से यह यूनिट लगा है, तबसे उन्होंने गैस सिलिंडर नहीं भरवाया है। रसोई का काम अब इसी से हो जा रहा है। इसके पहले कौशल्या देवी को 12 जुलाई को लखनऊ में पशुपालन से जुड़े एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपना अनुभव साझा करने का अवसर मिला था।
महिला सशक्तिकरण के लिए श्री बाबा गोरखनाथ कृपा एमपीओ का गठन बुंदलेखंड में बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हुआ है। इस एमपीओ के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धनराज साहनी बताते हैं कि क्रियाशीलता के महज डेढ़ साल में गोरखपुर मंडल की 31 हजार महिलाएं इससे जुड़कर आत्मनिर्भरता की राह पर चल पड़ी हैं। डेढ़ साल में इस एमपीओ का टर्नओवर 115 करोड़ रुपये का है। संस्था से जुड़ी महिलाएं प्रतिदिन करीब 65 हजार लीटर दूध का संग्रह करती हैं। अब तक कुल मिलाकर 93 करोड़ रुपये का भुगतान महिला शेयरहोल्डर्स को किया जा चुका है। एमपीओ से जुड़ी 1841 महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। इस एमपीओ का कार्यक्षेत्र मंडल के चार जिलों गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर है। एमपीओ द्वारा 500 से अधिक मिल्क पूलिंग पॉइंट्स के माध्यम से संग्रहित दूध की आपूर्ति मदर डेयरी को की जाती है। लखपति दीदियों के अलावा एमपीओ से जुड़ी अन्य महिलाएं भी औसतन महिलाओं प्रतिमाह सात से आठ हजार रुपये की आय घर बैठे प्राप्त कर रही हैं।
एमपीओ की महिला शेयरहोल्डर को कंपनी की तरफ से पशु आहार और खनिज मिश्रण, पशुओं के थनैला रोग जांच, पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान पंजीकरण की भी सुविधाएं मिलती हैं। इसके अलावा उन्हें पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर करने और अधिक दूध उत्पादन से जुड़ी जानकारियां भी उपलब्ध कराई जाती हैं।