उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में आज श्रावण मास की शिवरात्रि पर शिव भक्ति की भव्य छटा देखने को मिली। जिले के विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। कांवड़ यात्रा के साथ आए शिव भक्तों, स्थानीय ग्रामीणों, शहरवासियों और महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ का विधिवत जलाभिषेक कर अपने आराध्य से सुख-समृद्धि की कामना की। हरिद्वार से गंगा जल लाकर शिवालयों में अर्पित करने की परंपरा को निभाते हुए हजारों कांवड़ियों ने नंगे पांव मंदिरों में पहुंचकर जलाभिषेक किया।
जनपद के मोरना क्षेत्र के फिरोजपुर स्थित प्राचीन नीलकंठ महादेव मंदिर, मोरना-भोपा मार्ग पर ककराला गांव का जुड़ेश्वर महादेव मंदिर, वनखंडी महादेव मंदिर वजीराबाद, पंचमुखी महादेव मंदिर सम्भलहेड़ा और पौराणिक तीर्थनगरी शुक्रताल के पास स्थित नीलकंठ महादेव सिद्धपीठ जैसे मंदिरों में सुबह से ही आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। इन मंदिरों में श्रावण मास और विशेष रूप से शिवरात्रि के दिन पूजा-अर्चना और जलाभिषेक का विशेष महत्व माना जाता है।
शहर क्षेत्र की बात करें तो मुजफ्फरनगर के ह्रदय स्थल शिव चौक, श्री श्यामा श्याम मंदिर, कालिका मंदिर समेत कई मंदिरों में शिवरात्रि पर्व का विशेष आयोजन किया गया। शिव चौक पर तो हरिद्वार से जल लेकर आए कांवड़ियों की उपस्थिति से भक्ति का माहौल और भी भावविभोर हो उठा। यहां सुबह से ही आम नागरिकों ने भी शिवलिंग पर जल अर्पित कर भगवान शंकर की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धापूर्वक पूजा की।
जनपद में श्रावण मास और कांवड़ यात्रा को एक महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। कांवड़ यात्रा के दौरान पूरा क्षेत्र शिव भक्ति के रंग में रंगा नजर आता है। शिवरात्रि का पर्व इस माह के सबसे बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है, जिसे लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह चाक-चौबंद रही। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने कांवड़ियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यापक इंतजाम किए थे। शिव मंदिरों के आसपास सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ ही मंदिरों में प्रवेश और निकास की व्यवस्था को भी सुचारु रूप से संभाला गया।
इस अवसर पर मंदिरों में भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। महिलाएं पारंपरिक परिधान में सजे-धजे भगवान शिव की आराधना में लीन रहीं, वहीं युवाओं में कांवड़ यात्रा और जलाभिषेक को लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया।
शिवरात्रि पर भक्तों की भक्ति, अनुशासन और श्रद्धा ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिव भक्ति आज भी जनमानस की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिरों की घंटियों, शिव भजनों और हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजते इस दिन ने पूरे जिले को एक आध्यात्मिक उत्सव में बदल दिया। श्रद्धालुओं की यह निष्ठा शिवरात्रि के पावन पर्व को और भी गौरवपूर्ण बना गई।