बुलंदशहर जिले के खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित सरकारी जटिया अस्पताल में इलाज के नाम पर रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। मरीजों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में ऑपरेशन कराने के लिए उनसे मोटी रकम मांगी जा रही है। इस मामले में आधा दर्जन से अधिक मरीजों ने आवाज उठाई और थाने में लिखित शिकायत दी है।
मरीज शिव सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि वह जब अस्पताल में जांच कराने पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी। इसके बाद डॉक्टर राजेंद्र बंसल के असिस्टेंट ने उनसे ऑपरेशन के बदले 5 हजार रुपये की मांग की। इसी तरह एक अन्य मरीज गोपाल सैनी ने आरोप लगाया कि उसकी 6 वर्षीय पुत्री का हर्निया ऑपरेशन कराने के लिए असिस्टेंट द्वारा 10 हजार रुपये मांगे गए।
इन शिकायतों के बाद अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। सीएमओ डॉ सुनील कुमार दोहरे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज से ऑपरेशन के नाम पर पैसे लेना गंभीर अनियमितता है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी इस अस्पताल में इलाज के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें आती रही हैं, लेकिन कार्रवाई के अभाव में रिश्वतखोरी का यह गोरखधंधा बेखौफ जारी है। मरीजों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में जहां मुफ्त इलाज की सुविधा होनी चाहिए, वहां मजबूर मरीजों से पैसे ऐंठना बेहद शर्मनाक है।
मरीज शिव सिंह ने बताया कि उसने जब 5 हजार रुपये देने में असमर्थता जताई तो असिस्टेंट ने ऑपरेशन में देरी करने की धमकी दी, जिससे वह घबरा गया। मजबूरी में उसने कुछ पैसे भी दे दिए। यही कहानी अन्य मरीजों ने भी दोहराई, जिन्होंने कहा कि असिस्टेंट उन्हें अलग-अलग बहानों से डराकर ऑपरेशन के नाम पर पैसा मांगता है।
लोगों ने सीएमओ से अपील की है कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि गरीब मरीजों का शोषण बंद हो सके।
वहीं अस्पताल के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और साजिश के तहत लगाए जा रहे हैं। फिलहाल सीएमओ द्वारा गठित टीम इस मामले की जांच कर रही है। सीएमओ ने भरोसा दिलाया कि जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और सरकारी अस्पतालों में पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
इस पूरे मामले ने एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार की हकीकत उजागर कर दी है। ऑपरेशन जैसे जरूरी इलाज में रिश्वतखोरी से गरीब और जरूरतमंद मरीजों का भरोसा टूट रहा है। अब देखना होगा कि जांच के बाद प्रशासन क्या ठोस कदम उठाता है।