गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर जन सेवा की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए जनता दरबार का आयोजन किया। यह दरबार गोरखनाथ मंदिर परिसर में लगाया गया, जहां बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री ने न सिर्फ लोगों की शिकायतों को ध्यान से सुना, बल्कि मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि किसी भी कीमत पर भूमि माफियाओं का कोई भी सिंडिकेट नहीं तैयार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और किसी भी पीड़ित को न्याय दिलाने में कोई कोताही न बरती जाए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि प्रदेश में ऐसा कोई भी गरीब व्यक्ति इलाज के अभाव में दम न तोड़े। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुचारू और जनोन्मुखी बनाने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी सरकारी योजनाएं और सुविधाएं पात्र व्यक्तियों तक बिना किसी भेदभाव के समय पर पहुंचाई जाएं।
जनता दरबार में स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व, समाज कल्याण और नगर निगम से संबंधित समस्याएं भी प्रमुख रूप से सामने आईं। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पुलिस विभाग से आई शिकायतों पर गंभीर रुख अपनाया और अधिकारियों से कहा कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। उन्होंने चेताया कि लापरवाही या उदासीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि शासन की मंशा स्पष्ट है – हर गरीब, कमजोर और वंचित व्यक्ति को न्याय दिलाना और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देना। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को गांव-गांव जाकर संवाद स्थापित करना चाहिए ताकि जनता को कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।