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ग्रेनो विकास प्राधिकरण के दावों की खुली पोल, तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर ठेकेदार आंख में झोंक रहे धूल

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले खेड़ी भनौता गांव में तो हद ही हो गई। इस गांव में तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम ठेकेदार ने प्राधिकरण के अधिकारियों और ग्रामीणों की आंख में तो धूल ही झोंक दी। ठेकेदार ने तालाब के सौंदर्यीकरण का काम शुरू भी नहीं कराया और काम पूरा होने का सूचना पट्ट लगा दिया।

By: Satyam Dubey  RNI News Network
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ग्रेनो विकास प्राधिकरण के दावों की खुली पोल, तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर ठेकेदार आंख में झोंक रहे धूल

सीएम योगी के तमाम निर्देश के बाद भी ग्रेटर नोएडा विकास प्रधिकरण की नींद नहीं खुल रही है। लापरवाही का आलम तो यह है कि सरकारी पेपर में काम कंप्लीट हो जा रहा है और धरातल पर कुछ नहीं हुआ है। सीएम योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे साइट पर जाएं और सूबे में हो रहे कामों पर निगरानी रखें। लेकिन अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से लोगों की परेशानियां का हल नहीं हो पा रहा है। ताजा मामला ग्रेटर नोएडा से सामने आया है, जहां तालाबों के सौंदर्यीकरण के नाम पर जमकर पैसों की बंदरबांट हुई है और कागजों पर काम पूरा भी कर दिया गया है।

लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ओएसडी का दावा है कि बादलपुर गांव के दो तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम सौ फीसदी पूरा हो गया है और कुछ तालाबों के 90 फीसदी काम पूरे हो चुके हैं, बाकी बचे काम लगभग 15 दिनों में पूरे कर लिए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकारण के ओएसडी विशु राजा ने बताया कि 283 तालाबों का सौंदर्यीकरण होना है। जहां काम चल रहा है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कुछ तालाबों पर बिना काम शुरू हुए ही बोर्ड लगा दिया गया है, तो उन्होंने पहले तो इस बात को मानने से इनकार किया। बाद में उन्होंने एक तालाब को लेकर बताया कि बिना काम शुरू हुए तालाब पर बोर्ड लगा गया था। उन्होंने कहा कि
ठेकेदारों को इस बात की चेतावनी भी दे दी गई है कि जहां काम शुरु न हुई हो वहां बोर्ड ना लगाएं जाएं।

ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले खेड़ी भनौता गांव में तो हद ही हो गई। इस गांव में तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम ठेकेदार ने प्राधिकरण के अधिकारियों और ग्रामीणों की आंख में तो धूल ही झोंक दी। ठेकेदार ने तालाब के सौंदर्यीकरण का काम शुरू भी नहीं कराया और काम पूरा होने का सूचना पट्ट लगा दिया। तालाब पर लगे सौंदर्यीकरण के सूचना पट्ट को देख गांव वालों के होश ही उड़ गए। उन्होंने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया। वीडियो वायरल होते ही प्राधिकरण के अधिकारियों की नींद खुली तो तत्काल ठेकेदार पर ऐक्शन लिया। अधिकारियों ने ठेकेदार पर दो बार में 5 लाख 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाकर मामले को ठंडा कर दिया। इन बातों से आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि प्राधिकरण और ठेकेदार का गठजोड़ कितना मजबूत है।

अब हम आपको बताते हैं ठेकेदारों का दूसरा कारनामा जो बादलपुर गांव से सामने आया है। बादलपुर गांव कोई साधारण गांव नहीं है, इसी गांव की निवासी मायावती कभी सूबे की सीएम भी रह चुकी हैं। इनके गांव में तालाबों के सौंदर्यीकरण की बात करें तो अधिकारियों के दावे और हकीकत में जमीन-आसमान का फर्क है। बादलपुर गांव में तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ खुदाई हुई है। इसके अलावा कुछ भी नहीं हुआ है। पेरिफेरल और फैंसिंग वायर का काम पूरा ही नहीं हुआ है। जबकि ओएसडी सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने का दावा कर रहे हैं।

तालाब के हकीकत को आपने देखा अब हम आपको मौजूदा ग्राम प्रधान बादलपुर के पति ज्ञान सिंह से मिलवाते हैं। उन्होंने गांव के तीन तालाबों के बारे में बताया कि गांव के तालाबों की हालत खराब है। कुछ में घर बन गए और एक तालाब में मछली पालन बन गया। उन्होंने बताया कि एक-दो तालाब छोटे-मोटे हैं, जिसका कुछ खास सौंदर्यीकरण नहीं हो रहा है। हमारे संवाददाता ने जब उनसे पूछा कि ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि बादलपुर गांव में सौ फिसदी काम पूरा हो चुका है तो उन्होंने कहा कि केवल ना के बराबर ही सौंदर्यीकरण का काम कराया गया है। उन्होंने कहा कि जाकर आप देख सकते हैं कि घास-फूस अब भी है। एक तालाब में थोड़ा बहुत पानी आया है।

कुछ ऐसी ही स्थिति वैदपुरा गांव की है। यह गांव भी कोई साधारण गांव नहीं है। यह गांव कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे राजेश पायलट गांव है। वैदपुरा गांव में भी तालाब के सौंदर्यीकरण का काम केवल कागजों पर ही लटका हुआ है। इस गांव के तालाब के सौंदर्यीकरण के काम की शुरूआत भी नहीं हुई है लेकिन प्राधिकारण के ठेकेदार द्वारा सूचना पट्ट बोर्ड पहले ही लगा दिया गया है। लगभग एक महीना बीत जाने के बाद भी काम की शुरुआत भी नहीं हुई है। जबकि अगस्त में पूरी तरह से तालाब के सौंदर्यीकरण का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब काम की शुरुआत ही नहीं हुई है तो सूचना पट्ट बोर्ड क्यों लगा दी गई।

अब आपको गांव के लोगों की बातों से अवगत कराते हैं। गांव के रहने वाले महावीर से जब हमारे संवाददाता ने पूछा कि तालाबों की क्या स्थिति है तो उन्होंने बताया कि तालाबों की स्थिति बेकार है। सौंदर्यीकरण के नाम पर कुछ भी काम नहीं हुआ है। उनका कहना है कि प्राधिकरण की तरफ से कुछ नहीं किया जा रहा है।

ये तो हो गई ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के कुछ गांवों के तालाबों के सौंदर्यीकरण की स्थिति, जहां अधिकारी के दावों और हकीकत में जमीन आसमान का अंतर है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले कुछ और गावों के तालाबों के सौंदर्यीकरण की जा रही है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले सादुल्लापुर, खेड़ी भनौता, कैलाशपुर, आमका, रूपबास, धूम मानिकपुर, सादोपुर, जान सिवाना, गुलिस्तानपुर, साकीपुर, थापखेड़ा, जुंपत, अमरपुर, अटाई मुरादपुर, तिलपता समेत अन्य गांवों में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है।

ग्रेटर नोएडा से संवाददाता यूनुस आलम की रिपोर्ट।

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