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Lucknow : राज्यपाल ने लखनऊ में ग्राम श्री एवं क्राफ्टरूट्स द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

Lucknow : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में ‘ग्रामश्री’ और ‘क्राफ्टरूट्स’ की हस्तशिल्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उन्होंने कारीगरों के उत्कृष्ट कार्य और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों की सराहना की। प्रदर्शनी में देशभर के कारीगर अपने उत्पाद प्रदर्शित करेंगे और ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को बढ़ावा मिलेगा।

By: Desk Team  RNI News Network
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Lucknow : राज्यपाल ने लखनऊ में ग्राम श्री एवं क्राफ्टरूट्स द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कैसरबाग स्थित सफेद बारादरी में ’ग्रामश्री’ एवं ’क्राफ्टरूट्स’ द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का दीप प्रज्वलन कर उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 10 से 14 अक्टूबर 2025 तक आयोजित रहेगी, जिसमें देशभर के पारंपरिक कारीगर अपने उत्कृष्ट हस्तशिल्प का प्रदर्शन करेंगे।

राज्यपाल ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ’क्राफ्टरूट्स’ प्रदर्शनी कारीगरों के श्रेष्ठ कार्य और हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा पांच हस्तशिल्प कारीगरों को प्रतिष्ठित ’डि. लिट.’ की मानद उपाधि प्रदान करने की सराहना की और कहा कि यह सम्मान पहले केवल पद्मश्री और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेताओं को दिया जाता था। उन्होंने इसे हाथ से काम करने वाले कारीगरों की विरासत को संरक्षित करने और उनके उत्कृष्ट कार्य को मान्यता देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

राज्यपाल ने कहा कि प्रौद्योगिकी के इस युग में पारंपरिक हस्तशिल्प कारीगरों द्वारा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोना अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ’वोकल फॉर लोकल’ अभियान ने कारीगरों को नए अवसर प्रदान किए हैं, जिससे न केवल उनकी आजीविका सुरक्षित हो रही है, बल्कि वे अपने परिवारों का भी भरण-पोषण कर पा रहे हैं। उन्होंने संस्था की अध्यक्ष अनारबेन पटेल के 25 वर्षों के समर्पित प्रयासों की भी प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने इस क्षेत्र में सक्रिय रहते हुए टीम के साथ मिलकर कारीगरों के कल्याण के लिए निरंतर काम किया है।

राज्यपाल ने सभी कारीगरों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने उत्पादों की विशेषताओं और निर्माण प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी साझा करें, ताकि समाज में हस्तशिल्प की महत्ता और उसकी सांस्कृतिक पहचान को व्यापक रूप से समझा जा सके।राज्यपाल ने बताया कि ‘भिक्षा से शिक्षा’ की ओर उन्मुख बच्चों को राजभवन द्वारा बैण्ड का प्रशिक्षण दिलाया गया और उन्होंने 26 जनवरी 2025 को विधानसभा के सामने आयोजित परेड में प्रथम स्थान प्राप्त कर सराहनीय प्रदर्शन किया।राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने समस्त कारीगरों को उनके निरंतर प्रयासों और इस प्रदर्शनी के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद एवं शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह प्रदर्शनी लगातार तीसरे वर्ष लखनऊ में आयोजित की जा रही है। यह केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि भारत की पारंपरिक हस्तनिर्मित कला और कारीगरी को वैश्विक मंच तक पहुंचाने का एक सशक्त प्रयास है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदर्शनी में देश के 22 से अधिक राज्यों के हुनरमंद कारीगरों के उत्पाद अपनी संस्कृति, परंपरा और कलात्मकता का उत्कृष्ट उदाहरण है। भारत में हस्तशिल्प की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है और इस परंपरा को संजोने एवं आगे बढ़ाने में ऐसे आयोजनों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के कारीगर एक छत के नीचे एकत्र होकर प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने आयोजन की सफलता व कारीगरों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हुनरमंद कारीगरों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चला रही है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री द्वारा जीएसटी दरों में की गई कटौती से वस्तुओं के दामों में कमी आई है, जिसका लाभ आम उपभोक्ताओं को मिल रहा है। हमें भारत में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देनी चाहिए और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान देना चाहिए।इस अवसर पर क्राफ्टरूट्स संस्था की अध्यक्ष अनारबेन पटेल ने कहा कि राज्यपाल हम सभी की प्रेरणा स्रोत हैं। उनका मार्गदर्शन और सहयोग हमारे कार्यों को नई दिशा प्रदान करता है। उन्होंने हस्तशिल्प के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि क्राफ्ट सेक्टर देश में कृषि के बाद सबसे बड़ा रोजगार देने वाला क्षेत्र है, जो सदियों से हमारे सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है।राज्यपाल द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया और कारीगरों को प्रोत्साहित किया गया। प्रदर्शनी में स्टोन वर्क, काष्ठ कला, धातु की प्रतिमा, शॉल, साड़ी, श्रृंगार सामग्री, आदि के स्टालों पर कारीगरों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कारीगरों को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली, महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आज़मगढ़, प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय एवं डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या द्वारा डी. लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर हस्तशिल्प कारीगरों द्वारा अपने अनुभव साझा किये गये तथा उपस्थित अतिथियों का उत्पाद भेंट कर स्वागत भी किया गया।इस अवसर पर विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल (अपर मुख्य सचिव स्तर) डॉ सुधीर महादेव बोबडे, समाजसेवी राजेश दयाल, विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण और विश्वविद्यालयों के अध्यापकगण आदि उपस्थित रहे।

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