इटावा : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पारिजात का पौधा रोपित किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र की कृषि-बागवानी पद्धतियों का भी अवलोकन किया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने एग्रीकल्चर विभाग, ओ.डी.ओ.पी. एवं अन्य विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का भी भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की।इसके उपरांत राज्यपाल जी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय परिसर में कार्यशाला का अवलोकन किया तथा कार्यशाला को संबोधित करते हुए अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार रखे।
उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन योग एवं मेडिटेशन कराया जाए जिससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास संतुलित रूप से हो सके। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए बताया कि लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल का छात्र सुधांशु शुक्ला अंतरिक्ष यात्रा पर गया है, जो युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों की उपस्थिति की जानकारी भी विस्तार से प्राप्त की। उन्होंने पशुओं को दुग्धवृद्धि हेतु दिए जा रहे इंजेक्शनों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे इंजेक्शनों से उत्पादित दूध बच्चों और बड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है एवं इससे कई रोग उत्पन्न हो रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे किसानों को चिन्हित कर इस पर रोक लगाई जाए। साथ ही यह भी कहा कि पशुओं को समय से घास एवं पोषक आहार दिया जाए ताकि उनका दूध शुद्ध एवं स्वास्थ्यवर्धक हो।
राज्यपाल ने अनुसंधान (रिसर्च) के क्षेत्र में विद्यार्थियों की भागीदारी को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि अमरूद व अन्य फलों के पकने पर कीड़े लगने के कारणों एवं उनके समाधान पर रिसर्च की जाए। साथ ही यह भी कहा कि छात्रों को अन्य बीमारियों के समाधान हेतु भी अनुसंधान हेतु प्रोत्साहित किया जाए।उन्होंने निर्देश दिया कि जंगली चूहों द्वारा फसलों को पहुंचाए जा रहे नुकसान को रोकने हेतु ऐसी गंध या रसायन विकसित किए जाएं जिससे चूहे खेतों से दूर रहें और फसलों को क्षति न हो। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी मशीन विकसित की जाए जो वृक्षों के नीचे गिरे सूखे पत्तों को खींचकर भीतर ले जाकर उन्हें पूरी तरह क्रश कर सके जिससे खेतों की साफ-सफाई बनी रहे और जैविक उपयोग भी संभव हो सके।