उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बस्ती जिले में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक पहल करते हुए किन्नर पाठशाला हेतु डिजिटल बोर्ड का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का आयोजन इन्दिरा चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा किया गया था, जो किन्नर समुदाय के कल्याण के लिए कार्य कर रही है।
राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान न केवल किन्नर समुदाय के सदस्यों से संवेदनशीलता के साथ संवाद किया बल्कि उनके द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना भी की। उन्होंने “चुनौतियाँ मुझे पसंद हैं” नामक अपनी पुस्तक की स्वहस्ताक्षरित प्रतियाँ पाँच विशिष्ट जनों को भेंट कीं। साथ ही, स्कूली बच्चों को मिठाई, फल और उपहार भी वितरित किए गए।
राज्यपाल ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारें ट्रांसजेंडर समुदाय को आयुष्मान कार्ड, अभ्युदय योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और कौशल प्रशिक्षण जैसी योजनाओं के जरिए मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने घोषणा की कि डिजिटल बोर्ड हेतु ₹2.10 लाख की सहायता राशि राजभवन से प्रदान की गई है।
समारोह में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समाज कल्याण असीम अरुण ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के सशक्तिकरण के लिए समाज को आगे आना होगा। उन्होंने बताया कि बस्ती में जल्द ही “गरिमा गृह” बनकर तैयार होगा, जो राज्यपाल का ड्रीम प्रोजेक्ट है। उन्होंने इन्दिरा चैरिटेबल सोसाइटी के सीईओ अजय कुमार पांडेय की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने इस दिशा में प्रशंसनीय प्रयास किया है।
इस अवसर पर मण्डलायुक्त अखिलेश सिंह, डीआईजी संजीव त्यागी, जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, सीडीओ सार्थक अग्रवाल, एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान, सीआरओ कीर्ति प्रकाश भारती सहित किन्नर समुदाय की प्रमुख सदस्य काजल, सानिया, कसिस एवं मुमताज़ मौजूद रहीं।
यह आयोजन न केवल सामाजिक समावेशन का प्रतीक बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि अब ट्रांसजेंडर समुदाय भी शिक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की राह पर मजबूती से अग्रसर है।