उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में इन दिनों खाद की भारी किल्लत देखने को मिल रही है। सरकार द्वारा साधन सहकारी समितियों के माध्यम से खाद भेजी जाती है, लेकिन यह खाद किसानों तक पहुंचने के बजाय माफियाओं के गोदामों में पहुंच रही है। जिले में आलू की सबसे अधिक खेती होती है और इसके लिए डीएपी खाद की भारी मांग रहती है, लेकिन कालाबाजारी के चलते किसान परेशान हैं।
जानकारी के अनुसार, जिले में कुछ माफिया तत्व सक्रिय हैं, जो सत्ता में किसी भी दल की सरकार हो, उनके करीबियों में शामिल हो जाते हैं। बताया जा रहा है कि ये माफिया दोनों दलों सपा और भाजपा में पकड़ बनाए रखते हैं और बड़े नेताओं को आर्थिक सहयोग देकर प्रभाव बनाए रखते हैं। सरकार किसानों को खाद भेजती है, लेकिन साधन सहकारी समितियों पर वही खाद माफियाओं के पास बेच दी जाती है।
अधिकारियों पर भी लापरवाही के आरोप हैं। वे एसी दफ्तरों से निकलकर गांवों की वास्तविक स्थिति देखने नहीं जाते। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक अधिकारी खुद समितियों की जांच नहीं करेंगे, तब तक समस्या बनी रहेगी।
हाल ही में सूरजपुर रुधेनी (नंगला घाक) गांव में किसानों ने नकली खाद की सूचना मिलने पर हंगामा कर दिया। मौके पर एक लोडर खाद पकड़ा गया। जिला कृषि अधिकारी सुमित चौहान ने मौके पर पहुंचकर सैंपल लिए हैं। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (भानू) के पदाधिकारी और थाना पुलिस व तहसीलदार कीर्ति चौधरी भी मौके पर पहुंचे। अब देखना यह है कि कार्रवाई होती है या किसानों को सिर्फ आश्वासन दिया जाएगा।