गाजीपुर जनपद में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रशासन ने अपनी तैयारियों को पहले से और सुदृढ़ कर लिया है। एडीएम प्रशासन दिनेश कुमार ने बताया कि गंगा का जलस्तर इस समय 53.094 मीटर के निशान पर पहुंच गया है और यह करीब 15 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। हालांकि खतरे का निशान 63.105 मीटर है, जो वर्तमान जलस्तर से लगभग 10 मीटर ऊपर है, फिर भी प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह चौकस हो गया है।
प्रशासन ने जिले में 35 बाढ़ राहत केंद्र और 44 आश्रय केंद्र पहले ही चिन्हित कर दिए हैं। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं, ताकि बाढ़ की स्थिति में तत्काल राहत और बचाव कार्य किया जा सके। आपात स्थिति में खाद्य सामग्री और जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। एडीएम ने कहा कि अगस्त और सितंबर के महीने बाढ़ के लिहाज से बेहद संवेदनशील होते हैं, इसलिए समय रहते तैयारी की जा रही है।
नरौरा बैराज से प्राप्त सूचना के अनुसार वहां पानी का बहाव कम हो रहा है, जिससे गाजीपुर में फिलहाल स्थिर स्थिति की संभावना जताई जा रही है। फिर भी एहतियात के तौर पर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। गाजीपुर में गंगा नदी के अलावा 9 से अधिक सहायक नदियां और कई नाले हैं, जो बाढ़ के समय भरकर लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। इसलिए प्रशासन ने तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट होने की चेतावनी दी है।
एडीएम दिनेश कुमार ने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान अफवाहें फैलने से भय का माहौल बनता है, जिससे अव्यवस्था फैल सकती है। इसी को देखते हुए प्रशासन लगातार सभी संबंधित विभागों के संपर्क में है और हालात पर बारीकी से नजर रख रहा है।
बाढ़ चौकियों पर अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। वहीं नावों, राहत सामग्री और चिकित्सकीय सुविधाओं की भी व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। जरूरत पड़ने पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को भी अलर्ट रखा गया है, ताकि बचाव कार्य में कोई देरी न हो।
गाजीपुर जिले में पिछले वर्षों में भी बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई थी, जिससे सबक लेते हुए इस बार प्रशासन ने पहले से ही रणनीति तैयार कर रखी है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है कि वे बाढ़ की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर जाएं और किसी भी तरह की समस्या होने पर प्रशासन से तुरंत संपर्क करें।
फिलहाल गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है, लेकिन इसकी बढ़ती गति को देखते हुए हालात पर नजर रखना जरूरी है। जिला प्रशासन ने कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में सरकार की ओर से पूरी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। नागरिकों को धैर्य और सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी गई है ताकि किसी भी अनहोनी को रोका जा सके और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।