प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन, लखनऊ के अन्नपूर्णा हॉल में ‘भिक्षामुक्त भारत’ खेल महोत्सव 2025 के अंतर्गत आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में विजेता एवं प्रतिभागी बच्चों को सम्मानित किया।

पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान राज्यपाल ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन में सहयोग प्रदान करने वाली विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कार्यक्रम संचालन में सक्रिय रूप से योगदान देने वाले स्कूली बच्चों को भी सम्मानित किया।

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे सामाजिक उत्तरदायित्व, सेवा-भाव और अनुशासन के सशक्त उदाहरण हैं तथा उनकी सक्रिय सहभागिता से समाज में सकारात्मक मूल्यों का संचार होता है। उन्होंने बच्चों के सेवा-कार्य की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य में भी इसी समर्पण भाव से समाज सेवा के लिए प्रेरित किया।

राज्यपाल ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल केवल शारीरिक विकास का माध्यम ही नहीं हैं, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज और शासन के संयुक्त प्रयासों से आज ये बच्चे शिक्षा, खेल और व्यक्तित्व विकास की मुख्यधारा में आगे बढ़ रहे हैं, जो एक सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का सशक्त उदाहरण है।

स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण से संबंधित अनेक कल्याणकारी योजनाएँ
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण से संबंधित अनेक कल्याणकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ समाज के प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए। इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन शासन, समाज और प्रत्येक नागरिक की भी सामूहिक जिम्मेदारी है।

राज्यपाल ने खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सफलता या असफलता से निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि निरंतर मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने बच्चों को मार्गदर्शन देने वाले शिक्षकों की भी सराहना की और उनके योगदान के लिए उन्हें बधाई दी।

इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों को स्नेहपूर्वक चॉकलेट भी प्रदान की। उन्होंने बताया कि भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए इन बच्चों का विद्यालयों में नामांकन कराया गया है तथा उन्हें बैंड का प्रशिक्षण भी दिया गया। उन्होंने कहा कि मात्र एक माह के प्रशिक्षण के उपरांत इन बच्चों ने गणतंत्र दिवस परेड में प्रतिभाग करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया, जो उनकी प्रतिभा और अनुशासन का प्रमाण है।
समाज के सहयोग से बच्चों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास

राज्यपाल ने कहा कि समाज के सहयोग से बच्चों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है। राजभवन द्वारा पाँच अन्य विद्यालयों को स्मार्ट क्लास एवं कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं तथा वहाँ भी बच्चों को बैंड प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

राज्यपाल ने जानकारी दी कि राजभवन परिसर में स्थित विद्यालय अब कक्षा दस तक संचालित किया जा रहा है। सीएसआर के माध्यम से विद्यालय को बस उपलब्ध कराई गई है, जिससे बच्चे अब सुरक्षित रूप से बस द्वारा विद्यालय आते-जाते हैं। विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन संभवतः आगामी 26 जनवरी को किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा इसके लिए चार करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई गई है, जिसके लिए उन्होंने सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि इस विद्यालय में स्पेस साइंस एवं इनोवेशन लैब की स्थापना भी की गई है, जहाँ बच्चों को आधुनिक विज्ञान एवं नवाचार से संबंधित शिक्षा दी जाएगी।
अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ने पर बल

राज्यपाल ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा से जोड़ने पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा ही समाज में परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम है। अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए राज्यपाल जी ने बताया कि वे स्वयं बचपन में चार किलोमीटर पैदल चलकर विद्यालय जाती थीं और पढ़ाई के बाद घर लौटकर खेती के कार्यों में भी हाथ बँटाती थीं। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद परिश्रम, अनुशासन और दृढ़ संकल्प से जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है।
‘स्माइल परियोजना’ के माध्यम से बच्चों को सम्मानपूर्ण जीवन
राज्यपाल ने उम्मीद संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ‘स्माइल परियोजना’ के माध्यम से बच्चों को सम्मानपूर्ण जीवन की दिशा में आगे बढ़ाना एक सराहनीय एवं प्रेरणादायी पहल है।

उल्लेखनीय है कि उम्मीद संस्था द्वारा भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, समाज कल्याण विभाग तथा जिला प्रशासन, लखनऊ के सहयोग से ‘स्माइल परियोजना’ के अंतर्गत 12 एवं 13 दिसम्बर, 2025 को राजभवन परिसर में दो दिवसीय खेल महोत्सव का आयोजन किया गया। प्रतियोगिताओं में नगराम, सुगमाऊ, चिनहट, सदर, बुलबुलपुर एवं नवादा सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए पूर्व में भिक्षावृत्ति में संलग्न 500 पुनर्वासोन्मुख बच्चों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की।
बच्चे देश का भविष्य
इस अवसर पर अवनीश अवस्थी ने बच्चों को संबोधित करते हुए विकसित भारत के निर्माण की बात कही और कहा कि आज के ये बच्चे देश का भविष्य हैं। सामाजिक कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने बच्चों को प्रतियोगिताओं में सफलता पर बधाई दी तथा स्माइल परियोजना के अंतर्गत संचालित योजनाओं की जानकारी दी।
उम्मीद संस्था की अध्यक्ष उषा अवस्थी, संस्थापक एवं सचिव बलबीर सिंह मान तथा रमेश कुमार त्रिपाठी ने कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई। इस दौरान बलबीर सिंह मान ने राज्यपाल महोदया से अपील की कि प्रत्येक पार्क में बच्चों के खेलने के लिए समुचित सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ, जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।

कल आयोजित विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में नींबू-चम्मच दौड़ में अंकिता (प्रथम), समायरा (द्वितीय) व सुमन (तृतीय), बोरा रेस में पवन (प्रथम), छोटा (द्वितीय) व विराज (तृतीय), गुब्बारा रेस में सरफराज व समीर (संयुक्त प्रथम), गौरव व सुलेखा (द्वितीय) तथा मोहित व छाया (तृतीय) स्थान पर रहे। मेंढक दौड़ में यूनुस (प्रथम), जीतू (द्वितीय) व शिवराज (तृतीय), 40 मीटर दौड़ में खुशबू (प्रथम), शिवानी (द्वितीय) व मुस्कान (तृतीय), 100 मीटर दौड़ में कृष्णा (प्रथम), लकी (द्वितीय) व शेखर (तृतीय) तथा लंबी कूद में अशरफ (प्रथम), इक़बाल (द्वितीय) व मोहित (तृतीय) स्थान पर रहे। सभी विजेता बच्चों को महमाहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए।
इसके साथ ही अवध कॉलेज के 19 स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा कॉलेज की प्राचार्या वालिया को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इसके अतिरिक्त हरपाल सिंह जग्गी, आर.पी. सिंह, इनोश चटर्जी, डॉ. तुलिका, राजेश कुमार, विपिन शर्मा, गीता गुप्ता, अंजनी कुमार पांडेय, संजीव पाठक, नितिन कुकरेजा एवं शिव शंकर सिंह को उनके विशेष योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, विशेष कार्याधिकारी राज्यपाल (अपर मुख्य सचिव स्तर) डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, निदेशक समाज कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार, मुख्य विकास अधिकारी जनपद लखनऊ अजय जैन, उम्मीद संस्था के संस्थापक एवं सचिव बलबीर सिंह मान, अतिथिगण, सहयोगी संस्थाओं के अधिकारी, बच्चे एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।