उत्तर प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई हेलिकॉप्टर जॉय राइड सेवा अब भी अधर में लटकी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बटेश्वर से इस सेवा को हरी झंडी दिखाई थी। हालांकि, उसके बाद केवल एक दिन हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी और पिछले 21 महीनों से यह सेवा बंद पड़ी है। रामलला से लेकर ताजमहल और गोवर्धन पर्वत तक हवाई दर्शन का सपना देखने वाले श्रद्धालु और पर्यटक अब भी इंतजार कर रहे हैं।
मुख्य समस्या नो फ्लाइंग जोन है। आगरा में ताजमहल, छावनी क्षेत्र और वायु सेना हवाई अड्डे के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान की अनुमति नहीं मिल रही। ताजमहल के ऊपर करीब एक किलोमीटर हवाई परिधि में उड़ान पर रोक है। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर के ऊपर भी 500 मीटर तक नो फ्लाइंग जोन लागू है। गोरखा रेजिमेंट की मौजूदगी के चलते यहां भी उड़ान की इजाजत नहीं है। इसी कारण पर्यटन विभाग से अनुबंधित कंपनी राजस एयरो स्पोर्ट्स एंड एडवेंचर प्राइवेट लिमिटेड हवाई दर्शन सेवा शुरू नहीं कर पा रही है।
विदेशी पर्यटकों के लिए ताजमहल का हवाई नजारा एक बड़ा आकर्षण था। लेकिन उड़ान की अनुमति न मिलने से उनका रोमांच फीका पड़ गया है। दूर से ही ताजमहल देखने का विकल्प होने के बावजूद, जब तक हेलिकॉप्टर उसके ऊपर से नहीं गुजर सकता, तब तक पर्यटकों के लिए यह अनुभव अधूरा रहेगा। इससे पर्यटन पर नकारात्मक असर पड़ने की संभावना भी जताई जा रही है। वहीं कंपनी को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सेवा शुरू न होने पर पर्यटन निदेशालय ने कंपनी को नोटिस भेजा है और करार निरस्त करने की चेतावनी दी है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी शक्ति सिंह का कहना है कि अक्तूबर में शुरू होने वाले पर्यटक सीजन तक उड़ान सेवा शुरू हो सकती है। कंपनी ने अपनी चिंताएं निदेशालय को बताई हैं, जिन पर बातचीत जारी है।
दिलचस्प बात यह है कि एक साल पहले ही इस हवाई सेवा का किराया तय कर दिया गया था। सितंबर 2024 में घोषित दरों के अनुसार, आगरा से अयोध्या, अयोध्या से गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ और प्रयागराज तक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध कराई जानी थीं। किराया 13 हजार से लेकर 45 हजार रुपये तक तय था। 60 घंटे पहले बुकिंग कराने पर यात्रियों को 40 प्रतिशत की छूट भी मिलनी थी।
लोगों को 50 मिनट से ढाई घंटे तक के हवाई दर्शन का रोमांचक अनुभव देने का सपना फिलहाल नो फ्लाइंग जोन की सख्ती में अटका हुआ है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की उम्मीदें अब पर्यटन विभाग और कंपनी के बीच समझौते और अनुमति पर टिकी हैं।