संपूर्ण समाधान दिवस के मौके पर बहराइच सदर तहसील में जिला स्तरीय कई अधिकारियों की अनुपस्थिति पर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सख्त रुख अपनाया है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, और विद्युत वितरण खंड बहराइच के अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित नहीं थे। इसके साथ ही उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारी डूडा की अनुपस्थिति भी दर्ज की गई। इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करते हुए डीएम ने इन सभी अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि संपूर्ण समाधान दिवस का मुख्य उद्देश्य है जनता की शिकायतों और समस्याओं का मौके पर ही त्वरित समाधान करना। ऐसे में संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होती है ताकि आम लोगों को बेवजह दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। अधिकारियों की गैरहाजिरी से न केवल आमजन की परेशानियाँ बढ़ती हैं, बल्कि शासन की योजनाओं और भरोसे पर भी असर पड़ता है। जिलाधिकारी के इस निर्णय से प्रशासनिक व्यवस्था में अनुशासन लाने और सरकारी अधिकारियों को उनकी जवाबदेही का अहसास कराने का एक मजबूत संदेश गया है।
यह कार्रवाई यह स्पष्ट करती है कि प्रशासन अब कर्तव्य की उपेक्षा करने वाले अधिकारियों के प्रति सहनशील नहीं है। इस सख्ती का मकसद न केवल जवाबदेही तय करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि जनहित के कार्यों में कोई बाधा न आए। संपूर्ण समाधान दिवस जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं आम लोगों के जीवन को सरल बनाने के लिए चलाई जाती हैं, जिनमें लापरवाही गंभीर अपराध मानी जाएगी। जिलाधिकारी मोनिका रानी की इस पहल को आम लोगों और जनप्रतिनिधियों से सराहना भी मिल रही है।