मुख्यमंत्री की इस बैठक में यूपी पुलिस के डीजीपी राजीव कृष्ण और एडीजीएलओ अमिताभ यश भी जुड़ेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, गृह विभाग के प्रमुख सचिव और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। बैठक में प्रदेश के सभी सीएमओ और नगर आयुक्तों को भी जोड़ा गया है ताकि स्वास्थ्य सेवाओं और शहरी व्यवस्था की सीधी समीक्षा की जा सके।
कानून-व्यवस्था की समीक्षा के साथ-साथ बाढ़ प्रभावित जिलों की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली जाएगी। कृषि, सहकारिता, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अफसर भी इस कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त पर्यटन, परिवहन समेत कई विभागों के जिला स्तर के अधिकारी भी जुड़ेंगे, जिससे विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति पर चर्चा हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह प्रयास है कि प्रदेश की समस्याओं और योजनाओं की निगरानी सीधे उच्च स्तर से की जाए। बैठक के दौरान अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए जाएंगे ताकि कानून-व्यवस्था सुदृढ़ हो, जनता को खाद और अन्य आवश्यक संसाधन समय पर मिलें, और बाढ़ से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत मिल सके। यह कॉन्फ्रेंसिंग प्रदेश प्रशासन की तत्परता और जवाबदेही को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।