कामकाजी महिलाओं को समाज में और सशक्त बनाने के लिए सीएम योगी ने रात्रिकालीन पाली में काम करने की अपनी अनुमति प्रदान कर दी है। सीएम योगी के जनसंपर्क टीम से मिली जानकारी के अनुसार, घर से लेकर कार्यालय के हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए कड़ें उपाय और सुनिश्चित किए जाएंगे।
बता दें कि पिछले महीने यानि अक्टूबर के पहले सप्ताह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है।
लिखित सहमति के बाद कर सकती हैं महिलाएं नाइट शिफ्ट में काम
दिए गए बयान के मुताबिक, नए प्रावधान के अंतर्गत महिलाएं अपनी लिखित सहमति देकर शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकती हैं। लेकिन, महिलाओं की लिखित सहमति राज्य के श्रम विभाग में पंजीकृत होना अनिवार्य है। इसी के साथ कारखानों में महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन सुविधाओं के साथ -साथ सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा गार्ड की तैनाती भी जरूरी है।
ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से 144 घंटे प्रति तिमाही
वहीं बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि महिलाओं के लिए ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई है जिसका भुगतान दोगुनी सैलरी से किया जाएगा। इसके साथ ही महिलाओं को कारखानों और ख़तरनाक श्रेणी के उद्योगों में हाथ आजमाने का अवसर भी प्राप्त होगा। जिससे महिलाएं अपने डर पर काबू पाकर नए क्षेत्र में नई-नई ऊँचाईयों को प्राप्त कर सकें और देश का नाम रोशन कर सकें।
सभी 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य की अनुमति
उत्तर प्रदेश कारखाना संशोधन विधेयक के तहत यूपी की सरकार ने कामकाजी महिलाओं को सभी 29 खतरनाक श्रेणियों में कार्य करने की अनुमति प्रदान की है। जबकि पहले महिलाओं को पहले केवल 12 खतरनाक श्रेणियों में काम करने की अनुमति थी पर अब सभी 29 खतरनाक श्रेणियों में काम करने में सक्षम हैं। वहीं यह फैसला योगी सरकार के औद्योगिक विकास के विस्तार को और तकनीकी कार्यकुशलता को पूरा करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।