लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोधि यात्रा के अन्तर्गत मेकांग-गंगासहयोग देशों के प्रतिनिधियों के साथ भेंट की | इस दौरान सीएम ने कहा ने कहा कि मेकांग-गंगा सहयोग का शुभारम्भ आज से 25 वर्ष पूर्व हुआ था। आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। दक्षिण-पूर्व एशिया के 05 प्रमुख देश-कम्बोडिया, लाओस, वियतनाम, म्यांमार तथा थाईलैण्ड के प्रतिनिधि, बौद्ध भिक्षु, टूर ऑपरेटर्स तथा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स बोधि यात्रा के माध्यम से उत्तर प्रदेश आए हैं। यह देश भगवान बुद्ध की परम्परा पर विश्वास करते हैं और उनके अनुयायी हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर बोधि यात्रा के अन्तर्गत मेकांग-गंगा सहयोग देशों के प्रतिनिधियों के साथ भेंट के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश तथा बिहार के पर्यटन विभाग के सामूहिक प्रयास से मेकांग-गंगा सहयोग कार्ययोजना (2019-2024) के तहत 02 से 07 जून, 2025 तक राज्य में ’बोधि यात्रा’ फैम ट्रिप (फैमिलियराइजेशन ट्रिप) का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों के ओडीओपी के उत्पाद भेंट किए।
मुख्यमंत्री जी ने प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत करते हुए कहा कि यह बोधि यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने का साधन मात्र नहीं है, बल्कि यह दक्षिण-पूर्व एशिया के 05 प्रमुख देशों के साथ भारत के सम्बन्धों को प्रगाढ़ करने का भी माध्यम है। यह यात्रा भारत तथा मेकांग-गंगा सहयोग के सदस्य देशों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सांस्कृतिक सम्बन्धों को प्रगाढ़ करेगी। भगवान बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, मैत्री और करुणा का संदेश दिया। यह यात्रा भगवान बुद्ध के इन सभी संदेशों को व्यापकता तथा मजबूती प्रदान करने का माध्यम भी बनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में भगवान बुद्ध से जुड़े जितने भी स्थल हैं, उनमें सर्वाधिक भारत में हैं। भारत में भी भगवान बुद्ध से जुडे़ सर्वाधिक स्थल उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश में महात्मा बुद्ध से जुडे़ सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं। देवदह, ललितपुर का देवगढ़, बरेली का अहिच्छत्र भी भगवान बुद्ध से जुड़े हैं। भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त होने के बाद अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था। कुशीनगर उनकी महापरिनिर्वाण स्थली तथा देवदह पावन जन्मस्थली है। कपिलवस्तु में उनका साम्राज्य था। श्रावस्ती में उन्होंने अपने सर्वाधिक चातुर्मास व्यतीत किए थे। यह सभी स्थल आज भी देश व दुनिया के लिए प्रेरणा के केन्द्र बने हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा बुद्ध के उपदेशों को आगे बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेक कार्य किए हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बौद्ध विहार शान्ति उपवन है। यहां अन्तरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान भी है, जहां महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं पर शोध किया जाता है। एन0सी0आर0 में गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय है। कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के नाम पर राज्य सरकार द्वारा एक नया विश्वविद्यालय निर्माणाधीन है। कुशीनगर में ही महात्मा बुद्ध के नाम पर एक अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा संचालित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 02 से 07 जून, 2025 के बीच बोधि यात्रा के माध्यम से दक्षिण-पूर्व एशिया के 05 प्रमुख देशों के प्रतिनिधि पवित्र गंगा और पवित्र मेकांग के सहयोग को आगे बढ़ाते हुए भगवान बुद्ध की पावन धरा उत्तर प्रदेश की यात्रा पर आए हैं। इनका आगमन आपसी सहयोग को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यहां से यह यात्रा सारनाथ जाएगी, जहां से बिहार में भगवान बुद्ध से जुड़े पवित्र स्थलों का भ्रमण करेगी। यात्रा के दौरान सभी को उत्तर प्रदेश सहित भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में बुद्ध सर्किट के निर्माण हेतु किए गए कार्यों के दर्शन हो रहे होंगे। प्रदेश सरकार मेकांग-गंगा सहयोग के देशों में बौद्ध पर्यटन को बढ़ाने तथा आपसी सहयोग को मजबूत बनाने में पूरा सहयोग करेगी।
मेकांग-गंगा सहयोग के सदस्यों ने कहा कि उन्हें भगवान बुद्ध की धरती उत्तर प्रदेश में आकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। भारत बौद्ध धर्म का विख्यात केन्द्र है। उनके देशों से अनेक लोग, जिनमें विद्यार्थी भी शामिल हैं, भारत आकर बौद्ध धर्म के सम्बन्ध में शोध करना चाहते हैं।
इस अवसर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, मेकांग-गंगा सहयोग देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।