 
  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी में आयोजित होने वाली देव दीपावली-2025 की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देव दीपावली काशी की सनातन परम्परा, गंगा आराधना और लोकआस्था का अद्वितीय संगम है। यह पर्व भारत की उस अनादि परम्परा का जीवन्त स्वरूप है, जहाँ दीप केवल ज्योति नहीं, बल्कि धर्म, कर्तव्य और राष्ट्रभाव का प्रतीक है। काशी की देव दीपावली का आयोजन इस प्रकार किया जाए कि यह भारत की सांस्कृतिक आत्मा और आध्यात्मिक चेतना का विश्व संदेश बने।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देव दीपावली से पूर्व आयोजित गंगा महोत्सव (01 से 04 नवम्बर) और मुख्य आयोजन देव दीपावली (05 नवम्बर) की सभी तैयारियाँ समयबद्ध, व्यवस्थित और उच्च गुणवत्तायुक्त हों। घाटों की प्रकाश सज्जा, दीपदान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और जनसहभागिता की तैयारियाँ इस प्रकार हों कि श्रद्धा, अनुशासन और सौंदर्य का सन्तुलन प्रदर्शित हो सके। गंगा तट पर दीपदान के दृश्य को श्रद्धा और अनुशासन की मिसाल बनाने के लिए घाटों पर भीड़ नियन्त्रण, सुरक्षा, स्वच्छता और यातायात प्रबन्धन सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखे जाएं। सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था या अवरोध न हो।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन, नगर निगम, पुलिस, जल पुलिस, संस्कृति, सिंचाई, पीडब्ल्यूडी, विद्युत व स्वास्थ्य विभागों को विशेष रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी के अनुरूप आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करें। देव दीपावली के अवसर पर घाटों पर स्मार्ट लाइटिंग, आकर्षक फ्लोरल डेकोरेशन, थीम-आधारित इंस्टालेशन तथा ड्रोन और सीसीटीवी मॉनिटरिंग की समुचित व्यवस्था की जाए। घाटों, गलियों और प्रमुख मार्गों की सफाई और सजावट पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा प्रत्येक घाट पर पर्याप्त सफाई कर्मी तैनात रहें।मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्ट्रोल रूम 24×7 सक्रिय रहे और कमाण्ड सेंटर से सीसीटीवी फीड की निगरानी निरन्तर की जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त शौचालय, पेयजल व्यवस्था, चिकित्सीय सहायता और प्राथमिक उपचार केन्द्र स्थापित किए जाएं। घाटों के समीप आपातकालीन नौका एवं एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध रहें। नाविकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उन्हें लाइफ जैकेट, पंजीकरण टैग और निर्धारित रूट की जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ने नमो घाट, राजघाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट, दशाश्वमेध घाट सहित सभी प्रमुख घाटों पर आयोजित होने वाले दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि इन स्थानों पर दीप सज्जा, पर्यटक सुविधाएं और सुरक्षा उपाय उच्च स्तर पर किए जाएं। नाविक समुदाय काशी की परम्परा का अभिन्न हिस्सा है, उनका उत्साह और योगदान देव दीपावली की गरिमा को और बढ़ाता है। प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि उन्हें पर्याप्त सहयोग मिले और श्रद्धालुओं को सुरक्षित नौका सेवाएं प्राप्त हों।बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि चेत सिंह घाट पर 25 मिनट की प्रोजेक्शन सहित प्रतिदिन 03 बार लेज़र शो का आयोजन करने की योजना है। इसी तरह, काशी विश्वनाथ घाट और चेत सिंह घाट के बीच रेत की सैंड आर्ट इंस्टॉलेशन लगाई जाएगी। ग्रीन आतिशबाजी, लेज़र शो और संगीत कार्यक्रम के साथ काशी विश्वनाथ धाम घाट के सामने 10 मिनट का ग्रीन फायरक्रैकर शो आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देव दीपावली का आयोजन ‘क्लीन काशी, ग्रीन काशी, डिवाइन काशी’ के भाव को साकार करने वाला हो। घाटों से लेकर गलियों तक स्वच्छता, सुगमता और प्रकाश व्यवस्था बनी रहे। मुख्यमंत्री ने यातायात प्रबन्धन, पार्किंग, बैरिकेडिंग, शटल सेवाओं, विद्युत आपूर्ति और चिकित्सा सेवाओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी क्षेत्र में जाम या अव्यवस्था न होमुख्यमंत्री जी ने कहा कि गंगा तटों पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों, विद्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला समूहों और धर्माचार्यों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित की जाए। यह आयोजन जनसहयोग, सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बने। काशी का यह पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आस्था, अनुशासन और आत्मबल का उत्सव है। काशी आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक यहां की पावनता, व्यवस्था और अनुशासन देखकर ‘अतिथि देवो भवः’ की भारतीय परम्परा का अनुभव करें।