कानपुर में डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच लंबे समय से चल रहा प्रशासनिक विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है। इस टकराव ने न केवल जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित किया, बल्कि प्रदेश की नौकरशाही और राजनीतिक गलियारों में भी खलबली मचा दी थी। दोनों अधिकारियों के बीच महीनों से रिश्ते तनावपूर्ण बने हुए थे, जिसके कारण कई जरूरी योजनाओं और स्वास्थ्य कार्यक्रमों की रफ्तार धीमी हो गई थी।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हस्तक्षेप करना पड़ा। सीएम योगी ने तुरंत प्रभाव से डॉ. हरिदत्त नेमी को कानपुर के सीएमओ पद से हटा दिया है और उनकी जगह श्रावस्ती के सीएमओ डॉ. उदय नाथ को नया मुख्य चिकित्सा अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह फैसला प्रशासनिक अनुशासन को बनाए रखने और जिले में सुचारु स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने के उद्देश्य से लिया गया है।
डॉ. नेमी के कार्यकाल के दौरान लगातार शिकायतें सामने आती रहीं। डीएम और सीएमओ के बीच समन्वय की कमी के चलते कई स्वास्थ्य परियोजनाएं अधर में लटक गईं। इसके अलावा, कुछ कार्यों में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। अब यह भी संभावना जताई जा रही है कि डॉ. हरिदत्त नेमी के खिलाफ सतर्कता विभाग द्वारा खुली जांच के आदेश जल्द ही जारी किए जा सकते हैं।
यह मामला राजनीतिक रूप से भी काफी गर्माया रहा। बीजेपी और सपा नेताओं ने इस मुद्दे पर एक-दूसरे को घेरा और यह मामला लखनऊ से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं में रहा। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है।
सीएम योगी के इस एक्शन से यह संदेश स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता, जवाबदेही और सुचारु समन्वय को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। यह कार्रवाई उन अधिकारियों के लिए भी चेतावनी है, जो पद पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं करते या व्यक्तिगत हितों को प्राथमिकता देते हैं।