उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक ऐतिहासिक पहल की है। मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल नगर आवास योजना के अंतर्गत बनाए गए आधुनिक फ्लैटों का शुभारंभ किया।
इन फ्लैटों का निर्माण उस भूमि पर किया गया है, जिसे सरकार ने माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराया था। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72 निम्न आय वर्ग के परिवारों को उनके नए आशियानों की चाबी सौंपी। यह पहल योगी सरकार के उस संकल्प का हिस्सा है, जिसके तहत माफिया राज का अंत कर गरीबों को सम्मानजनक जीवन देने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “अब प्रदेश में न तो किसी माफिया का आतंक चलेगा और न ही कोई गरीब बेघर रहेगा। सरकार हर गरीब को छत देने के अपने वादे पर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” सरदार पटेल नगर आवास योजना न केवल आवास निर्माण का उदाहरण है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और सुशासन की मिसाल भी है।
इन फ्लैटों में स्वच्छ पानी, बिजली, सीवर लाइन, और सड़क जैसी सभी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही, बच्चों के लिए पार्क और सामुदायिक केंद्र भी बनाए गए हैं, ताकि परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए कहा कि लौह पुरुष के नाम पर चलाई जा रही यह योजना “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के विचार को साकार करती है।

जिस ज़मीन पर कभी अपराध और अवैध कब्जे का साया था, आज वही भूमि गरीबों के लिए नई उम्मीद का प्रतीक बन गई है। सरकार की यह पहल केवल घर देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि उत्तर प्रदेश में अब कानून का राज स्थापित हो चुका है, और माफियाओं की संपत्तियाँ अब जनता के कल्याण में उपयोग की जाएंगी। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों से संवाद भी किया और उन्हें अपने नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभकामनाएँ दीं।
लाभार्थियों के चेहरों पर खुशी और गर्व झलकता दिखाई दिया। कई परिवारों ने कहा कि उन्होंने कभी सपना भी नहीं देखा था कि जिस ज़मीन पर कभी माफियाओं का कब्जा था, वहीं अब उनका अपना घर होगा। इस तरह, सरदार वल्लभभाई पटेल नगर आवास योजना न केवल एक आवास परियोजना है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश की नई पहचान “सुरक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर प्रदेश” का प्रतीक बन गई है।