लखनऊ : मुख्य सचिव एस.पी. गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उन्होंने डिजिटल क्रॉप सर्वे की प्रगति की समीक्षा की और इसे समयबद्ध तरीके से आगामी 10 अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्य किसानों से जुड़ा हुआ है और इसमें किसी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सर्वे कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए अतिरिक्त मैनपावर लगाई जाए और लेखपालों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि केवल सर्वे ही नहीं, बल्कि सत्यापन (वेरीफिकेशन) के कार्य में भी तेजी लाना आवश्यक है, ताकि डेटा पूरी तरह सही और उपयोगी हो।
बैठक में उन्होंने पीएम किसान योजना का उल्लेख करते हुए बताया कि 1 अप्रैल 2026 की किश्त केवल उन्हीं किसानों को मिलेगी, जिन्होंने फॉर्मर रजिस्ट्री कराई होगी। इसलिए उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को फॉर्मर रजिस्ट्री के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। यह पंजीकरण न केवल पीएम किसान योजना बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र किसानों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
आईएमएलसी कॉरिडोर परियोजना का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अवशेष भूमि क्रय और अधिग्रहण का कार्य भी संबंधित जिलों में तेजी से पूरा कराया जाए।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के लिए कुल 91,631 ग्रामों में से 67,209 ग्रामों (73.35%) में सर्वे कार्य शुरू हो चुका है, जबकि 10,031 ग्रामों (10.95%) में यह पूरी तरह संपन्न हो गया है। मीरजापुर ने 100% डिजिटल क्रॉप सर्वे पूरा कर लिया है। वहीं, ललितपुर (90.47%), एटा (84.58%) और औरय्या (81.24%) में भी सर्वे की उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत सरकार के कृषक एवं किसान कल्याण मंत्रालय के चीफ नॉलेज एडवाइजर राजीव चावला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। वहीं, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र, प्रमुख सचिव राजस्व रणवीर प्रसाद, राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा, यूपीडा के एसीईओ हरि प्रताप शाही सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भौतिक रूप से उपस्थित रहे।