नोएडा प्राधिकरण में वित्तीय अनियमितताओं की जांच एक बार फिर तेज हो गई है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने प्राधिकरण के अप्रैल 2024 से दिसंबर 2024 के बीच हुए कार्यों की फाइनेंशियल ऑडिट प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस सिलसिले में CAG ने प्राधिकरण से लैंड, हाउसिंग, इंडस्ट्री, ग्रुप हाउसिंग और कामर्शियल सभी विभागों से संबंधित फाइलें तलब की हैं।
CAG की जांच दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में अप्रैल-दिसंबर 2024 और दूसरे चरण में जनवरी से मार्च 2025 तक की फाइलों की बारीकी से जांच होगी। तैयार की गई रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी जाएगी, जिसके आधार पर संभावित कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा प्राधिकरण की 2007 से 2017 तक की फाइलों का जब CAG ने गहन ऑडिट किया था, तो करीब 30,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। उसी रिपोर्ट को आधार बनाकर स्पोर्ट्स सिटी घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में CAG की रिपोर्ट को मुख्य दस्तावेज माना है।
इस बार CAG की ऑडिट रिपोर्ट के साथ नोएडा प्राधिकरण की अपनी आंतरिक समिति भी जांच कर रही है। यह समिति विभागीय ऑडिट कर रही है, जिससे CAG की रिपोर्ट से उसका मिलान किया जा सके। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
अगर इस जांच में पुनः अनियमितताएं सामने आती हैं, तो पूर्व की तरह इस बार भी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। सीएजी की रिपोर्ट का इस्तेमाल शासन स्तर पर जिम्मेदारी तय करने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में होता है।