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रामलला के गढ़ में चलने वाली वाटर मेट्रो के मनमोहक दृश्य

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब योगी सरकार इस शहर का पूरी तरहल से कायाकल्प करने में लग चुकी है। जिसके अंतर्गत योगी सरकार सरयू नदी में वाटर मेट्रो शुरू करने की पूरी योजना बना चुकी है। अयोध्या में पर्यटन के क्षेत्र को और समृद्ध करने के लिए,यहाँ जल पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ वाटर मेट्रो की शुरुआत करने की योजना पू्र्ण नीति बनाई गई है।

By: Desk Team  RNI News Network
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रामलला के गढ़ में चलने वाली वाटर मेट्रो के मनमोहक दृश्य

22 जनवरी को अयोध्या में हुए रामलल्ला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में राम भक्तों के आने का आंकड़ा आसमान छूने लगा है। जिसके अंतर्गत अयोध्या प्रशासन को पहले दिन यानी 23 जनवरी को दर्शनार्थियों की भीड़ से हाथ-पांव फूल गए थे पर उसके बाद स्थित को काबू में कर लिया गया था और वर्तमान समय में आंकड़े के अनुसार 20 लाख लोगों से ज्यादा लोगों ने अपने प्रभु के दर्शन कर लिए हैं। लेकिन पहले दिन के अपवाद को छोड़ दें तो सभी कार्यक्रम सुव्यवस्थित चल रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं सरयु नदी के किनारे भविष्य में चलने वाले वाटर मेट्रो के बारे में…

 

आपको बता दें कि अयोध्या में पर्यटन क्षेत्र को और समृद्ध करने के लिए और अयोध्या में जल पर्यटन के वृद्धि के उद्देश्य को देखते हुए वाटर मेट्रो की शुरुआत करने की योजना को सरकार ने बहुत समय पहले ही हरी झंडी दिखा रखी है।

 

अब पूरी खबर…

 

उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब योगी सरकार इस शहर का पूरी तरहल से कायाकल्प करने में लग चुकी है। जिसके अंतर्गत योगी सरकार सरयू नदी में वाटर मेट्रो शुरू करने की पूरी योजना बना चुकी है। अयोध्या में पर्यटन के क्षेत्र को और समृद्ध करने के लिए,यहाँ जल पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ वाटर मेट्रो की शुरुआत करने की योजना पू्र्ण नीति बनाई गई है।

Breathtaking views of the water metro running in Ramlala's fort

water metro

मिली जानकारी के मुताबिक, वाटर मेट्रो का संचालन अयोध्या के संत तुलसीदास घाट से लेकर गुप्तार घाट तक किया जाना है। दोनों प्वाइंटों पर भारतीय अंतदेर्शीय जलमार्ग प्राधिकरण, पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने सरयू किनारे जेटी की स्थापना भी की है, जहां पर वाटर मेट्रो के चार्जिंग के लिए बाकायदा पॉइंट सॉकेट भी बनाए गए हैं और यही से यात्री वाटर मेट्रो पर सवार होकर यहाँ के पर्यावरण और भक्तिमय वातावरण का आनंद ले सकते हैं।

 

इस योजना से जुड़े भाजपा विधायक अशोक सिंह ने बताया कि माँ सरयू के किनारे संत तुलसी घाट से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वाटर मेट्रो करीब 14 किलोमीटर का सफर गुप्ता घाट तक जाएंगी, वहीं इस यात्रा में प्रयोग होने वाले वाटर मेट्रों में 50 सीटें हैं जिसमें प्रत्येक सीट पर एक यात्री यानी एक साथ लगभग 50 यात्रियों द्वारा सफर किया जा सकता है। बता दें कि फाइबर की इन सीटों को मजबूती के साथ फिक्स किया गया है, ताकि किसी तरह के हादसे की आशंका न रह जाए।

 

हमें मिली जानकारी के मुताबिक, यह वाटर मेट्रो सरयू नदी के ऊपर क्रूज की तरह दिखाई देगी। जिसका नाम कैटा मेरन वैसेल बोट है। इस वाटर मेट्रो में यात्रियों की जानकारी के लिए एक डिस्प्ले भी लगाया गया है ताकि यात्रियों को यात्रा को लेकर है।

रामलला के गढ़ में चलने वाली वाटर मेट्रो के मनमोहक दृश्य

वाटर मेट्रो

चार्जिंग के बारे में

आपको बता दें कि यह बोट एक बार चार्ज होने पर एक घंटे की यात्रा करने में पूरी तरह से सक्षम है। इस दौरान यह बोट एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक 14 किलोमीटर की यात्रा पूरी करने में सक्षम है।

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