उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और सख्त कदम उठाया है। लखनऊ में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह और एडीजी ट्रैफिक के. नारायण ने अध्यक्षता की। इस अहम बैठक में आईजी ट्रैफिक सुभाष चंद्र दुबे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में बढ़ते सड़क हादसों पर प्रभावी नियंत्रण और ट्रैफिक नियमों के पालन को सुनिश्चित करना था।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन ड्राइवरों और वाहनों की संलिप्तता गंभीर सड़क हादसों में पाई जाएगी, उनके ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके लाइसेंस को निलंबित किया जाएगा।
ई-चालान की वसूली प्रणाली को और अधिक प्रभावी और सरल बनाने के लिए सरकार ने तकनीकी पहल की घोषणा की है। अब चालान की राशि व्हाट्सएप और भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) के माध्यम से भी जमा की जा सकेगी। इससे लोगों को चालान भुगतान में आसानी होगी और प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रमुख शहरों में हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता को सख्ती से लागू किया जाएगा। इसके लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग का संयुक्त चेकिंग अभियान जल्द शुरू किया जाएगा। इस अभियान के दौरान बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों और बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में यह भी तय हुआ कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राज्य में विशेष अभियानों का आयोजन किया जाएगा। स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर सेमिनार, रैली और वर्कशॉप्स आयोजित की जाएंगी ताकि आम जनता को ट्रैफिक नियमों की जानकारी हो और वे उनका पालन करें।
राज्य सरकार का यह फैसला उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और सुरक्षित यातायात प्रणाली विकसित करने की दिशा में एक सकारात्मक और निर्णायक कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में इन फैसलों के क्रियान्वयन से सड़क हादसों में कमी आने की उम्मीद है और सड़क पर चलने वाले प्रत्येक नागरिक को एक सुरक्षित वातावरण मिलेगा।