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Lucknow : NAAC में ‘A’ ग्रेड मिलने पर बांदा कृषि विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से भेंट

Lucknow : बांदा कृषि विश्वविद्यालय की टीम ने नैक में ‘ए’ ग्रेड मिलने पर राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंटकर आभार जताया।राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से शोध, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को और मजबूत करने के निर्देश दिए।उन्होंने छात्रों में व्यावहारिक कौशल, ऑर्गेनिक खेती और समाजोपयोगी शोध को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

By: Desk Team  RNI News Network
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Lucknow : NAAC में ‘A’ ग्रेड मिलने पर बांदा कृषि विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से भेंट

लखनऊ स्थित राजभवन में आज उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपनी टीम के साथ शिष्टाचार भेंट की। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा ‘ए’ ग्रेड मिलने पर कुलपति ने राज्यपाल के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।

आनंदीबेन पटेल ने विश्वविद्यालय की टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह यात्रा यहीं रुकनी नहीं चाहिए, बल्कि अगली बार नैक की सर्वोच्च ग्रेडिंग और एनआईआरएफ, क्यूएस एशिया, वर्ल्ड रैंकिंग में भी उच्च स्थान पाने का लक्ष्य रखें। सभी शिक्षक और स्टाफ मिलकर कमियों को चिन्हित कर व्यवस्थित सुधार करें, दस्तावेजों का सुव्यवस्थित प्रबंधन करें, प्रगति का मासिक विश्लेषण करें और नवाचार को शिक्षा व्यवस्था का अभिन्न अंग बनाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय को 10 वर्षों का स्पष्ट विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने के निर्देश दिए।

राज्यपाल ने कहा कि शोध कार्यों के लिए केंद्र सरकार और अन्य फंडिंग एजेंसियों से अधिक अनुदान प्राप्त किया जाए, साथ ही सीएसआर जैसे स्रोतों से भी फंड की कोशिश की जाए ताकि शोध का सीधा लाभ किसानों को मिले। शोध केवल प्रकाशन तक सीमित न रहकर ग्रामीण कृषकों के जीवन में सुधार लाए, यही इसका उद्देश्य होना चाहिए।

उन्होंने विद्यार्थियों को एनएसएस के माध्यम से गांवों से जोड़ने, लेखन और शोध में भागीदारी बढ़ाने, तथा समाजोपयोगी शोध की दिशा में काम करने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय में नशामुक्त कैंपस की बात दोहराते हुए कहा कि शिक्षक खुद उदाहरण बनें ताकि छात्र प्रेरित हों।उन्होंने कृषि शिक्षा को रोजगारपरक, व्यावहारिक और उद्यमिता आधारित बनाने की आवश्यकता बताई। विद्यार्थियों को ऑर्गेनिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने, पर्यावरण संरक्षण और पशु कल्याण जैसे मुद्दों को भी पाठ्यक्रम और शोध में शामिल करने के निर्देश दिए।

इसके अलावा खेतों की मेड़ों पर पौधारोपण की परंपरा को पुनर्जीवित करने, जलस्रोत संरक्षण करने और सतत कृषि को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में व्यापक रोजगार की क्षमता है, विशेषकर ग्रामीण युवाओं के लिए, और विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता में सुधार से ही इसका पूरा लाभ उठाया जा सकता है।

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