बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों के बीच विपक्षी दलों की ओर से तीखी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं। जहां कांग्रेस दिल्ली स्थित अपने कार्यालय के बाहर “वोट चोरी” के पोस्टरों के साथ प्रदर्शन कर रही है, वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर भाजपा पर नया हमला बोला है।
अखिलेश का आरोप: SIR ने बिहार में किया “खेल”
अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा— “बिहार में जो खेल SIR ने किया है वो पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, यूपी और बाकी जगह पर अब नहीं हो पाएगा क्योंकि इस चुनावी साज़िश का भंडाफोड़ हो चुका है। अब हम आगे ये खेल होने नहीं देंगे। CCTV की तरह हमारा ‘PPTV’ यानी ‘PDA प्रहरी’ चौकन्ना रहकर भाजपाई मंसूबों को नाकाम करेगा। भाजपा दल नहीं, छल है।”
अखिलेश का संकेत साफ है कि वे SIR प्रक्रिया को चुनावी धांधली का हथियार मान रहे हैं और इसे अन्य राज्यों में लागू होने से रोकने का दावा कर रहे हैं।

SIR में आधार की अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
इससे पहले भी अखिलेश यादव ने SIR को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण में आधार की मान्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। अखिलेश का आरोप है कि कई जगहों पर 2003 की मतदाता सूची स्पष्ट नहीं है।
उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के जरिए PDA (पिछड़े-दलित-अल्पसंख्यक) के वोटों में कटौती की जा रही है। सपा प्रमुख ने यह भी दोहराया कि वे किसी भी हाल में PDA का वोट कटने नहीं देंगे।
अखिलेश का नई रणनीति का एलान: “PPTV” निगरानी मॉडल
सपा प्रमुख ने “PPTV” नामक एक नए निगरानी मॉडल की बात कही है, जिसे वह “PDA प्रहरी टीवी” बताते हैं। उनके अनुसार यह सिस्टम भाजपा के “कथित चुनावी खेल” पर लगातार नजर रखेगा और चुनावी प्रक्रियाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकेगा।
वंदेमातरम पर भी दिया बयान
अपने हालिया बयान में अखिलेश यादव ने वंदेमातरम पर जारी विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा- संविधान निर्माताओं ने सोच-समझकर राष्ट्रीय गीत को वैकल्पिक रखा है।
राष्ट्रगान की तरह वंदेमातरम को अनिवार्य नहीं बनाया गया था। अखिलेश ने यह कहते हुए भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ऐसे मुद्दों को राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करती है ताकि वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाया जा सके।
एनडीए खेमे में उत्साह
बिहार चुनाव के रुझानों ने जहां एनडीए खेमे में उत्साह बढ़ाया है, वहीं विपक्षी दलों, खासकर समाजवादी पार्टी की ओर से चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अखिलेश यादव के ताज़ा बयान से साफ है कि 2025 के विधानसभा चुनावों के बाद देशभर में चुनावी प्रक्रियाओं और SIR प्रणाली को लेकर एक नई बहस शुरू हो सकती है।