उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें कथित ‘बाबा’ जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की गिरफ्तारी ने राज्य भर में सनसनी फैला दी है। यूपी एटीएस द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद आरोपी के बलरामपुर स्थित आवास और उसके सहयोगियों की संपत्तियों पर प्रशासन ने बुलडोजर चला कर अवैध निर्माण को ढहा दिया।
छांगुर बाबा पर गंभीर आरोप हैं कि उसने विशेष रूप से युवतियों को निशाना बनाकर उन्हें बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं, उसके गिरोह द्वारा धर्मांतरण के लिए कथित रूप से “रेट लिस्ट” भी बनाई गई थी, जो इस आपराधिक नेटवर्क के संगठित होने की पुष्टि करता है।
एटीएस की जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा का नेटवर्क सिर्फ बलरामपुर तक सीमित नहीं था, बल्कि गोंडा, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, औरैया और महाराष्ट्र के पुणे जैसे स्थानों तक फैला हुआ था। नेटवर्क में 18 सदस्य शामिल थे, जिनमें से अब तक चार गिरफ्तार हो चुके हैं और बाकी की तलाश जारी है।
प्रशासनिक स्तर पर छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने भी सख्त रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को कानून के अनुसार सख्त सजा दी जाएगी, ताकि यह समाज के लिए एक मिसाल बन सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी जलालुद्दीन की गतिविधियाँ केवल समाज विरोधी नहीं, बल्कि राष्ट्र विरोधी भी हैं, और उत्तर प्रदेश में ऐसी ताकतों के लिए कोई जगह नहीं है।
छांगुर बाबा द्वारा बलरामपुर के मधुपुर में बनाए गए घर और अन्य अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह कानून व्यवस्था और सामाजिक समरसता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। एटीएस की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि इस गिरोह ने तहसील और न्यायालयों तक अपने संपर्क फैला लिए थे, और पुणे में 16 करोड़ की जमीन खरीदने की भी साजिश थी। यहां तक कि सीजेएम कोर्ट के एक लिपिक की पत्नी को साझेदार भी बनाया गया था।
इस पूरे मामले से यह साफ हो गया है कि धर्मांतरण जैसे गंभीर अपराधों को संगठित रूप से अंजाम देने का प्रयास किया जा रहा था, जिसे उत्तर प्रदेश एटीएस और प्रशासन ने समय रहते रोक लिया। यह कार्रवाई न सिर्फ एक आपराधिक नेटवर्क के खिलाफ कड़ा संदेश है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि योगी सरकार किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।