लखनऊ: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को गति देने के लिए योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। निवेश प्रक्रिया को सरल और निवेशक-हितैषी बनाने के उद्देश्य से राज्य के मुख्य सचिव एसपी गोयल के निर्देश पर तीन समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों को औद्योगिक भूमि की उपलब्धता, भूमि अधिग्रहण और विकास की स्थिति की समीक्षा कर तर्कसंगत दरों का निर्धारण करने, साथ ही भवन उपविधियों को सरल बनाने का काम सौंपा गया है।
सरकार का लक्ष्य है कि निवेशकों को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों, जिससे बड़े पैमाने पर औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हो सके। औद्योगिक भूमि की दरें तर्कसंगत करने और भूमि उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई समिति इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। साथ ही भवन उपविधियों को निवेशकों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के लिए भी समिति सिफारिशें देगी। इन तीनों समितियों को 15 दिनों के भीतर अपनी संस्तुतियां और सुझाव शासन को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। माना जा रहा है कि इन सुधारात्मक कदमों से न केवल प्रदेश में नए निवेश आकर्षित होंगे बल्कि पहले से रुके हुए निवेश प्रोजेक्ट भी तेज गति से आगे बढ़ेंगे। यह पहल यूपी को औद्योगिक विकास के नए मुकाम पर ले जाने की दिशा में अहम मानी जा रही है।