उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बुजुर्गों के सम्मान और आर्थिक सुरक्षा को लेकर लगातार काम कर रही है। वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में ही इकसठ लाख बुजुर्गों तक पेंशन राशि पहुंचाकर सरकार ने नया रिकॉर्ड बनाया है। इस वर्ष का लक्ष्य पहले ही पूरा कर लेने के बाद अब सरकार ने छियासठ लाख पचास हजार लाभार्थियों तक पेंशन पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है।
वृद्धावस्था पेंशन योजना, जो 60 वर्ष से अधिक आयु के आर्थिक रूप से कमजोर बुजुर्गों के लिए शुरू की गई थी, उनके लिए एक वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर पात्र बुजुर्गों को प्रतिमाह एक हजार रुपये की पेंशन दी जाती है। 2017 में योजना की शुरुआत के समय लाभार्थियों की संख्या 37.47 लाख थी, जो अब लगभग दोगुनी हो चुकी है। 2018-19 में यह संख्या 40 लाख के करीब थी, जबकि 2023-24 में यह बढ़कर 55.67 लाख तक पहुंच गई। 2024-25 की पहली तिमाही में ही 56 लाख से अधिक बुजुर्गों को पेंशन दी जा चुकी है।
पेंशन प्रक्रिया को पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए सरकार ने सिंगल नोडल अकाउंट (SNA) प्रणाली लागू की है, जिसके तहत राशि सीधे लाभार्थियों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में भेजी जाती है। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है और समय पर भुगतान सुनिश्चित हो रहा है। योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वार्षिक आय सीमा ₹46,080 और शहरी क्षेत्रों के लिए ₹56,460 निर्धारित है। आवेदन की सुविधा पूरी तरह ऑनलाइन है और इच्छुक लोग sspy-up.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
यह पहल न केवल बुजुर्गों को आर्थिक रूप से सहारा दे रही है, बल्कि उनके आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत कर रही है। डिजिटलाइजेशन और पारदर्शी वितरण प्रणाली ने योजना की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को बढ़ाया है। योगी सरकार का यह कदम स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि प्रदेश में बुजुर्गों की सेवा और सम्मान को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे उनके जीवन स्तर और सामाजिक सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।