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YEIDA: YEIDA बनेगा देश का नया ट्रैक्टर निर्माण हब, न्यू हॉलैंड को 100 एकड़ जमीन

YEIDA क्षेत्र में न्यू हॉलैंड को ट्रैक्टर निर्माण संयंत्र के लिए 100 एकड़ जमीन आवंटित। ₹5000 करोड़ निवेश और 4000 रोजगार सृजन। एस्कॉर्ट कुबोटा भी सेक्टर-10 में ₹4500 करोड़ निवेश करेगी। नोएडा एयरपोर्ट और DFC से बढ़ेगी निर्यात सुविधा।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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YEIDA: YEIDA बनेगा देश का नया ट्रैक्टर निर्माण हब, न्यू हॉलैंड को 100 एकड़ जमीन

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र अब देश का अगला ट्रैक्टर निर्माण हब बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है। सोमवार को हुई प्राधिकरण की बैठक में सेक्टर-8 में न्यू हॉलैंड कंपनी को 100 एकड़ भूमि आवंटित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। कंपनी यहां 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करके एक अत्याधुनिक ट्रैक्टर निर्माण संयंत्र (manufacturing plant) स्थापित करेगी।

न्यू हॉलैंड और एस्कॉर्ट कुबोटा मिलकर बनाएंगे एग्रीटेक हब

YEIDA के अनुसार, यह संयंत्र देश के सबसे आधुनिक ट्रैक्टर निर्माण केंद्रों में से एक होगा। हाल ही में YEIDA ने एस्कॉर्ट कुबोटा लिमिटेड को सेक्टर-10 में 190 एकड़ भूमि आवंटित की थी, जिसमें कंपनी ₹4,500 करोड़ का निवेश करेगी। अब न्यू हॉलैंड (New Holland Agriculture) के आने से यह पूरा क्षेत्र भारत का प्रमुख कृषि मशीनरी और ऑटोमोटिव क्लस्टर बन जाएगा।

4,000 लोगों को मिलेगा रोजगार का अवसर

दोनों कंपनियों की यूनिट्स में ट्रैक्टरों के अलावा एग्रीकल्चर उपकरण, हाइड्रॉलिक मशीनरी, और स्मार्ट फॉर्मिंग टेक्नोलॉजी का उत्पादन किया जाएगा। इन निवेश परियोजनाओं से करीब 4,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि हजारों अप्रत्यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे।

अधिकारियों के मुताबिक, “यमुना प्राधिकरण क्षेत्र को देश का ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।”

निवेश से मजबूत होगा औद्योगिक गलियारा

YEIDA अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों परियोजनाओं से यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक गलियारे (Industrial Corridor) को नई गति मिलेगी। यह निवेश न केवल क्षेत्र में रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि कृषि उपकरण निर्माण क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को भी आगे बढ़ाएगा।

MSME और सहायक उद्योगों को मिलेगा बड़ा फायदा

इन बड़ी कंपनियों की मौजूदगी से क्षेत्र की MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) इकाइयों को भी सीधा लाभ मिलेगा। ऑटो कंपोनेंट्स, मशीनरी पार्ट्स, स्टील प्रोसेसिंग, पेंटिंग, सप्लाई चेन और पैकेजिंग से जुड़ी छोटी कंपनियों की डिमांड में कई गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। प्राधिकरण का अनुमान है कि “हर एक बड़े संयंत्र से कम से कम 40–50 सहायक उद्योग (ancillary units)” विकसित होंगे।

नोएडा एयरपोर्ट और फ्रेट कॉरिडोर से मिलेगी लॉजिस्टिक बढ़त

YEIDA क्षेत्र का सबसे बड़ा लाभ है इसकी रणनीतिक स्थिति (strategic location)- यह नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के बेहद करीब स्थित है। इससे यहां बने ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों को घरेलू व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निर्यात करना और भी आसान हो जाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, “इन परियोजनाओं से उत्तर भारत का औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा और YEIDA क्षेत्र देश का नया एक्सपोर्ट-ड्रिवन मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बन जाएगा।”

कृषि क्षेत्र में नई तकनीक का प्रवेश

न्यू हॉलैंड और एस्कॉर्ट कुबोटा की यह साझेदारी भारत के कृषि क्षेत्र में तकनीकी क्रांति (Agri-Tech Revolution) लाने में अहम भूमिका निभाएगी। इन संयंत्रों में AI-आधारित फील्ड टेस्टिंग, स्मार्ट सेंसर ट्रैक्टर सिस्टम, और ग्रीन एनर्जी से चलने वाले उपकरण भी विकसित किए जाएंगे।

विकास के नए युग की शुरुआत

YEIDA सीईओ के अनुसार, यह निवेश उत्तर प्रदेश के लिए एक “मॉडल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट” होगा। इससे न केवल प्रदेश में निवेश का माहौल मजबूत होगा, बल्कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी क्षेत्र अब केवल एक औद्योगिक जोन नहीं, बल्कि देश का भविष्य का एग्री-मैन्युफैक्चरिंग हब बनकर उभर रहा है। न्यू हॉलैंड और एस्कॉर्ट कुबोटा जैसी वैश्विक कंपनियों के निवेश से यह क्षेत्र आने वाले वर्षों में कृषि, ऑटोमोबाइल और निर्यात उद्योग का प्रमुख केंद्र बनेगा।

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