यमुना प्राधिकरण (यीडा) की 85वीं बोर्ड बैठक प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास एवं यीडा के चेयरमैन आलोक कुमार की अध्यक्षता में शुरू हो गई है। इस बैठक में किसानों की आबादी की लीजबैक, भूमि शिफ्टिंग और मुआवजा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। यीडा के अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में मथुरा और अलीगढ़ जिलों में भूमि मुआवजे और आवंटन दर को अंतिम रूप देने पर विचार किया जाएगा, जो भूमि अधिग्रहण और विकास परियोजनाओं के लिए अहम कदम माना जा रहा है।
अलीगढ़ में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी इस बैठक के एजेंडे में शामिल है। यह पार्क राज्य की आर्थिक प्रगति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और व्यापार एवं लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगा। वहीं, मथुरा जिले में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी परियोजना के लिए भूमि लेने की प्रक्रिया भी तेज की जा रही है, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायक होगी।
इस बैठक में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव यीडा की ओर से एक बार फिर से मुश्त समाधान योजना लागू करने का है। यह योजना उन आवंटियों के लिए राहत प्रदान करेगी जिनके ऊपर दंडात्मक ब्याज जमा हो चुका है। इस योजना के तहत आवासीय, संस्थागत, औद्योगिक और ग्रुप हाउसिंग समेत सभी श्रेणी के आवंटियों को दंडात्मक ब्याज में राहत मिलेगी। यीडा बोर्ड से इसकी अनुमति मिलने के बाद यह योजना जल्द ही लागू कर दी जाएगी ताकि आवंटियों को राहत मिल सके और उनका विकास कार्य बिना बाधा के चल सके।
बैठक में यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह, एसीईओ और यीडा के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हैं, जो विभिन्न प्रस्तावों पर अपने सुझाव और रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं। अधिकारीयों ने बताया कि यीडा विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और किसानों तथा आवंटियों की समस्याओं का समाधान निकालना प्राथमिकता है।
कृषि भूमि की लीजबैक और भूमि शिफ्टिंग जैसे मुद्दे किसानों और आवंटियों के हित में लिए गए निर्णयों के तहत हल किए जाएंगे। इससे न केवल किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा, बल्कि प्राधिकरण की विभिन्न विकास परियोजनाओं को भी समय पर पूरा करने में सहायता मिलेगी।
अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड बैठक के बाद अनुमोदित प्रस्तावों के तहत जल्द ही विभिन्न कार्यवाही शुरू हो जाएगी, जिससे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में तेजी आएगी। यह बैठक यीडा की विकास योजनाओं को सुदृढ़ करने और सभी हितधारकों के हितों का संरक्षण करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।