मथुरा के सदर तहसील जयसिंहपुरा खादर में लगातार बढ़ रहे यमुना जल स्तर के कारण घरों में पानी घुसने की शिकायतें सामने आई हैं। स्थानीय निवासी उमेश बघेल ने बताया कि यह क्षेत्र यमुना के प्राकृतिक फैलाव में आता है और आमतौर पर 2-3 साल में यमुना का पानी यहां आता है। अब आबादी बढ़ने के कारण पानी के प्रवेश से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मथुरा में यमुना नदी का खतरे का निशान 166 मीटर है, जबकि प्रयाग घाट पर जल स्तर 165.99 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से केवल 1 सेंटीमीटर कम है। जल स्तर में यह बढ़ोतरी हथिनीकुंड और गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने तथा ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के कारण हुई है। इस वजह से मथुरा और वृंदावन के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जिला प्रशासन ने लोगों को अलर्ट रहने की चेतावनी दी है और बचाव व राहत कार्यों के लिए टीमों को तैनात किया है। मथुरा के जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर तहसील मांट के नौहझील क्षेत्रांतर्गत ग्राम अड्डा फिरोजपुर बंगार का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से समस्याओं की जानकारी ली और आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन उनके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की परेशानी लोगों को नहीं होने दी जाएगी और सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
माननीय विधायक मांट श्री राजेश चौधरी ने भी ग्रामीणों से वार्ता की और उनके अनुरोध पर गांव को जोड़ने वाली दो सड़कों के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पानी के आसपास वाले गांवों में लगातार अनाउंसमेंट जारी रहे। जिलाधिकारी ने बैरियर एवं बैरीकेडिंग करने, नियमित दूरी पर चेतावनी साइन बोर्ड लगाने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरंतर निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी मांट रितु सिरोही को क्षतिग्रस्त मकानों और जलभराव वाले खेतों का सर्वे समय पर पूरा कराने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वे में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी प्रभावित परिवारों को नियम अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने और सभी राहत कैंपों में 24 घंटे ड्यूटी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।