प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला 2026 को लेकर विवाद सामने आया है। इस बार माघ मेले में समाजवादी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा लगाए जाने पर रोक लग सकती है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मुलायम सिंह यादव स्मृति सेवा संस्थान को नोटिस जारी कर इसे माघ मेले की धार्मिक परंपराओं के विरुद्ध बताया है और आयोजकों से जवाब मांगा है।
मेला प्राधिकरण का कहना है कि साधु-संतों की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई है कि माघ मेला धर्म और आस्था से जुड़ा आयोजन है, जहां गैर-धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसी आधार पर 30 दिसंबर को यह नोटिस शिविर स्थल पर चस्पा किया गया। इसके साथ ही मेले से जुड़े अधिकारियों ने शिविर संचालक और सपा नेता संदीप यादव को मौखिक रूप से भी इसकी जानकारी दी।
बताया जा रहा है कि 1 जनवरी को नए साल के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय का माघ मेले में पहुंचकर शिविर का उद्घाटन और मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा का लोकार्पण करने का कार्यक्रम प्रस्तावित था। हालांकि, नोटिस जारी होने के बाद अब यह कार्यक्रम स्थगित होने की संभावना जताई जा रही है या फिर शिविर को प्रतिमा के बिना ही शुरू किया जा सकता है।
मेला प्राधिकरण ने नोटिस में साफ किया है कि यदि आयोजकों की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो शिविर का आवंटन निरस्त किया जा सकता है। नोटिस में यह भी उल्लेख है कि मेले की पवित्रता और परंपराओं को बनाए रखना प्राधिकरण की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
शिविर के आयोजक संदीप यादव ने मेला प्राधिकरण को अपना जवाब सौंपते हुए कहा है कि बिना किसी ठोस तथ्य के केवल आशंका के आधार पर नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने इसे अनुचित बताया और आरोप लगाया कि यह कार्रवाई सियासी दबाव में की जा रही है। सपा नेताओं का कहना है कि इससे पहले कुंभ मेले के दौरान भी इसी संस्था द्वारा शिविर में मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा लगाई गई थी, जहां हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे और तब किसी तरह का विरोध नहीं हुआ था।
माघ मेले में प्रतिमा को लेकर उठे इस विवाद के बाद अब सभी की नजरें मेला प्राधिकरण के अंतिम फैसले पर टिकी हैं। देखना होगा कि आयोजकों के जवाब के बाद प्राधिकरण शिविर को अनुमति देता है या फिर माघ मेले की परंपराओं का हवाला देते हुए प्रतिमा स्थापना पर पूरी तरह रोक लगाई जाती है।