बुंदेलखंड का प्रमुख जिला हमीरपुर इस समय यमुना और बेतवा नदियों के उफान से भारी बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है। लगातार बारिश और नदियों के बढ़े जलस्तर ने खेतों, घरों और ग्रामीणों की जिंदगी को तबाह कर दिया है। बाढ़ के पानी ने सिर्फ खेती को नहीं, बल्कि लोगों के सपनों को भी बहा दिया है। कई परिवारों को अपनी जान बचाने के लिए नाव, ट्रैक्टर और ई-रिक्शा का सहारा लेकर मवेशियों और सामान के साथ राहत शिविरों की ओर पलायन करना पड़ा है। राहत शिविरों तक पहुंचे लोगों की हालत देखकर उनके दुखों की कहानी बयां होती है, वहीं जो अभी भी बाढ़ से जूझ रहे हैं, उनकी बेबसी भी किसी से छुपी नहीं है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हमीरपुर पहुंचकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और ज़मीनी निरीक्षण किया। हेलीकॉप्टर से पुलिस परेड ग्राउंड हमीरपुर आए मंत्री ने राजकीय डिग्री कॉलेज कुछेछा में बने बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया, जहां प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों के ठहरने, भोजन और राहत सामग्री की व्यवस्था की गई है। उन्होंने राहत शिविर में उपस्थित लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और राहत कार्यों का जायजा लिया। मंत्री ने शिविर में राहत सामग्री वितरित कर पीड़ितों को आश्वासन दिया कि शासन उनकी हरसंभव मदद करेगा।
जल शक्ति मंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि यमुना और बेतवा नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 4 मीटर ऊपर बह रहा था, लेकिन अब इसमें एक मीटर की गिरावट से कुछ राहत मिली है। इसके बावजूद प्रशासन को सतर्क रहना होगा और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता मुहैया करानी होगी।
निरीक्षण पूरा कर मंत्री स्वतंत्र देव सिंह पड़ोसी जनपद जालौन के लिए रवाना हो गए, जहां भी बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है। हमीरपुर में बाढ़ ने साफ किया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए समयबद्ध और प्रभावी राहत कार्य बेहद जरूरी हैं। प्रशासन की तत्परता और सरकार के समर्थन से ही इस संकट से उबरने की उम्मीद जगी है।