बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक में जल आपूर्ति के लिए बनाई जा रही पानी की टंकियों की हालत बेहद चिंताजनक है। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार केवल खानापूर्ति करते हुए टंकी खड़ी कर देते हैं, लेकिन इसका वास्तविक लाभ गाँव वालों को नहीं मिलता।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पाइपलाइन डालने के नाम पर सड़कें खोद दी जाती हैं और उन्हें ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। इससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, जब भी टंकी से पानी छोड़ा जाता है, तो गाँव की गलियों और सड़कों पर जलभराव की स्थिति बन जाती है, जिससे लोगों की परेशानियाँ और बढ़ जाती हैं।
करमुल्लापुर और आसपास के गाँवों में पाइपलाइन बिछाने के बावजूद अब तक पानी की सप्लाई सुचारू रूप से शुरू नहीं हो पाई है। ग्रामीणों का कहना है कि यहाँ की टंकियाँ मथुरा की तरह ही सिर्फ शोपीस बनकर खड़ी हैं।
लोगों का आरोप है कि जल जीवन मिशन के नाम पर ठेकेदार केवल सरकारी धन निकालने में लगे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सख्त जांच की मांग की है, ताकि करोड़ों की लागत से बनी ये योजनाएँ वास्तव में गाँव वालों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सकें।