प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को काशी से चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जिनमें वाराणसी-खजुराहो, फिरोजपुर-दिल्ली, एर्नाकुलम-बेंगलुरु और लखनऊ-सहारनपुर रूट शामिल हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि “वंदे भारत ट्रेन अब भारत की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन चुकी है। यह ट्रेन भारतीयों की, भारतीयों द्वारा और भारतीयों के लिए बनाई गई है।”
उन्होंने कहा कि “पहले हमें ऐसी ट्रेनें विदेश से लानी पड़ती थीं, लेकिन आज भारत स्वयं इन्हें बना रहा है। अब विदेशी यात्री भी वंदे भारत ट्रेन को देखकर अचंभित होते हैं।” वाराणसी को यह आठवीं वंदे भारत ट्रेन मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी पहुंचने के बाद बनारस रेल इंजन कारखाने (बरेका) में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। एयरपोर्ट से बरेका गेस्ट हाउस तक 27 किलोमीटर लंबे रास्ते पर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनका भव्य स्वागत किया। यह वाराणसी में इस वर्ष उनका पांचवां और सांसद बनने के बाद 53वां दौरा रहा।
अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने ‘नमः पार्वती पतये’ से की और करीब 18 मिनट तक जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “भारत में सदियों से तीर्थ यात्राएं केवल देवदर्शन का मार्ग नहीं रही हैं, बल्कि यह भारत की आत्मा को जोड़ने की परंपरा हैं। प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट और कुरुक्षेत्र जैसे पावन स्थान हमारी आध्यात्मिक चेतना के केंद्र हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जब ये धार्मिक स्थल वंदे भारत के नेटवर्क से जुड़ रहे हैं, तो यह केवल यात्रा सुविधा नहीं बल्कि संस्कृति, आस्था और विकास को जोड़ने की दिशा में अहम कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “जिन देशों का इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत होता है, वहीं आर्थिक प्रगति तेज होती है। भारत भी अब उस दिशा में बढ़ रहा है। जहां ट्रेन पहुंचती है, वहां विकास की शुरुआत हो जाती है। वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे के नए युग की नींव रख रही हैं और रेलवे को आधुनिकता की ओर ले जा रही हैं।”
उन्होंने कहा कि देश में लगातार नए एयरपोर्ट, नई रेल लाइनें और आधुनिक ट्रेनों के नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है, जिससे भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर दुनिया के विकसित देशों की बराबरी कर सके।
4 वंदे भारत को मोदी ने दिखाई हरी झंडी



