उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह देश की दुग्ध राजधानी बनने की ओर अग्रसर है। वर्ष 2024-25 में राज्य का दूध उत्पादन 3.97 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) तक पहुंचा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक है। यह उपलब्धि न केवल दुग्ध क्षेत्र में राज्य की ताकत को दर्शाती है, बल्कि योगी सरकार की योजनाओं और दृष्टिकोण का परिणाम भी है।
दूध उत्पादन को दीर्घकालिक गति देने के लिए सरकार ने सेक्सड शॉर्टेड सीमेन तकनीक को अपनाया है। यह अत्याधुनिक तकनीक बछिया पैदा करने की 90% संभावना के साथ दुग्ध पशुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित करती है। इस तकनीक के जरिए निराश्रित गोवंश की समस्या पर भी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
मिशन मिलियन सेक्सड आर्टिफिशियल इंसिमिनेशन कार्यक्रम के तहत मार्च 2025 तक 10 लाख स्वस्थ गोवंश का गर्भाधान करने का लक्ष्य है। इससे पशुओं की नस्ल में सुधार और दूध उत्पादन में निरंतर वृद्धि सुनिश्चित होगी।
यह तकनीक बछड़े की तुलना में बछिया उत्पन्न करती है, जिससे उपयोगी पशुधन बढ़ेगा और अनुपयोगी नर गोवंश की संख्या घटेगी। साथ ही, इससे विस्थापन, चरागाह संकट और वन क्षेत्र पर दबाव भी कम होगा।
वर्ष 2024-25 में:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2025-26 तक:
UP वेटरनरी सर्विस एसोसिएशन के अनुसार:
डॉ. बी.के. सिंह के अनुसार उत्तर प्रदेश की बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता, ब्रीडिंग तकनीक और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर राज्य को देश ही नहीं, दुनिया में श्वेत क्रांति का नेतृत्वकर्ता बना सकते हैं। इससे न केवल दूध उत्पादन, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास की गति भी बढ़े।