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UP News: यूपी कैबिनेट ने ‘पार्किंग नियमावली 2025’ को दी मंजूरी, शहरी पार्किंग होगी स्मार्ट और सुव्यवस्थित

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 17 नगर निगमों के लिए "उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग मानकीकरण, अनुरक्षण एवं संचालन) नियमावली 2025" को मंजूरी दे दी है। यह नीति शहरी क्षेत्रों में पार्किंग से जुड़ी बढ़ती समस्याओं को सुलझाने और स्मार्ट समाधान लागू करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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UP News: यूपी कैबिनेट ने ‘पार्किंग नियमावली 2025’ को दी मंजूरी, शहरी पार्किंग होगी स्मार्ट और सुव्यवस्थित

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के 17 नगर निगमों के लिए “उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग मानकीकरण, अनुरक्षण एवं संचालन) नियमावली 2025” को मंजूरी दे दी है। यह नीति शहरी क्षेत्रों में पार्किंग से जुड़ी बढ़ती समस्याओं को सुलझाने और स्मार्ट समाधान लागू करने के उद्देश्य से तैयार की गई है।

मुख्य विशेषताएं और उद्देश्य:

  • स्मार्ट तकनीकों का समावेश: नई नीति के तहत सभी नए और मौजूदा पार्किंग स्थलों पर सीसीटीवी निगरानी, डिजिटल साइन बोर्ड, बूम बैरियर, फास्टैग भुगतान, मोबाइल ऐप बुकिंग, ईवी चार्जिंग पॉइंट, और कंट्रोल सेंटर से एकीकरण जैसी आधुनिक सुविधाएं अनिवार्य की गई हैं।
  • पारदर्शिता और जवाबदेही: ठेकेदारों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी निविदा पद्धति से होगी। तय समय में स्मार्ट सुविधाएं लागू न करने या निर्धारित सीमा से अधिक वाहन पार्क होने पर ठेकेदारों पर दंड लगाया जाएगा।
  • प्रबंधन समिति का गठन: हर नगर निगम में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक पार्किंग प्रबंधन समिति गठित की जाएगी, जो पार्किंग स्थलों की पहचान, आवंटन और निगरानी का कार्य देखेगी।
  • दिव्यांगजन और ईवी के लिए आरक्षण: ऑफ-स्ट्रीट पार्किंग में 20% स्थान दिव्यांगजनों और ईवी चार्जिंग के लिए आरक्षित होंगे।
  • अवैध पार्किंग पर नियंत्रण: ठेकेदारों को अधिकार दिया गया है कि वे गैर-चिन्हित सड़कों से अवैध रूप से खड़े वाहनों को हटा सकें।
  • बुनियादी सुविधाएं अनिवार्य: सभी पार्किंग स्थलों पर शौचालय, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
  • निजी भूमि पर पार्किंग संचालन: लाइसेंस शुल्क के प्रावधान के साथ निजी भूमि पर सार्वजनिक पार्किंग चलाई जा सकेगी।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): नीति में पीपीपी मॉडल के अंतर्गत पार्किंग प्रबंधन को बढ़ावा देने का भी प्रावधान किया गया है।

प्रभाव और महत्व:

  • शहरी ट्रैफिक जाम में कमी आएगी।
  • नागरिकों को सुविधाजनक, सुरक्षित और पारदर्शी पार्किंग सेवा मिलेगी।
  • नगर निगमों को स्थायी राजस्व प्राप्त होगा, जिससे वे बुनियादी सेवाओं को और बेहतर बना सकेंगे।
  • यह नीति शहरी विकास की दिशा में एक स्थायी और स्मार्ट पहल साबित होगी।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया:

नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इसे “शहरी जीवन में क्रांतिकारी सुधार” बताया। उन्होंने कहा कि यह केवल पार्किंग की व्यवस्था नहीं बल्कि संपूर्ण शहरी समाधान है, जो तकनीक, सुविधा और पारदर्शिता को एक साथ जोड़ता है।

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