आजमगढ़ जनपद के हरैया ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत आराजी देवारा नैनीजोर नई बस्ती ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का आक्रोश सोमवार को चरम पर पहुंच गया। बीते दस वर्षों से मार्ग पर जलजमाव की गंभीर समस्या से परेशान ग्रामीणों ने इस बार परंपरागत विरोध के बजाय एक अनोखा और प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने जलभराव से प्रभावित सड़क पर धान की रोपाई करके शासन-प्रशासन की उदासीनता पर करारा प्रहार किया।
ग्रामीणों के अनुसार, गांव के मुख्य मार्ग पर लगभग 50 मीटर क्षेत्र में दो फीट तक जलजमाव बना रहता है। यह स्थिति केवल बरसात में नहीं, बल्कि सालभर बनी रहती है, जिससे लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। छात्र-छात्राएं, बुजुर्ग और महिलाएं प्रतिदिन कीचड़ और पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं। कई लोग फिसलकर घायल भी हो चुके हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन देकर चुप बैठ जाते हैं।
ग्रामीणों ने विधायक, सांसद और संबंधित अधिकारियों से कई बार इस समस्या के समाधान की मांग की, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी। लोगों का कहना है कि वर्षों से वादे किए जा रहे हैं, पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में अब उनका शासन-प्रशासन से विश्वास उठ गया है।
अपने विरोध को प्रतीकात्मक रूप देने के लिए ग्रामीणों ने जलजमाव वाली सड़क पर धान की रोपाई की और कहा कि जब सड़क खेत बन चुकी है, तो हम इसे खेती के रूप में ही इस्तेमाल करेंगे। यह दृश्य न केवल प्रशासन को चेतावनी है बल्कि लोकतंत्र में जनता की नाराजगी को दर्शाने का एक शांतिपूर्ण और प्रभावी तरीका भी है।
प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि जल्द से जल्द मार्ग की ऊंचाई और दोनों ओर नाली निर्माण कर जल निकासी की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे। यह चेतावनी केवल एक गांव की नहीं, बल्कि उस पूरे क्षेत्र की है जो लंबे समय से उपेक्षा का शिकार है।