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Noida: नोएडा में कचरा निपटारे के लिए रिलायंस बायोएनर्जी के साथ हो सकता है करार

नोएडा में प्रतिदिन उत्पन्न 1200 मीट्रिक टन कचरे का निपटारा अब रिलायंस बायोएनर्जी द्वारा किया जा सकता है। प्राधिकरण दो अन्य कंपनियों के साथ किए गए समझौतों को निरस्त कर सकता है।

By: Abhinav Tiwari  RNI News Network
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Noida: नोएडा में कचरा निपटारे के लिए रिलायंस बायोएनर्जी के साथ हो सकता है करार

नोएडा में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले गीले और सूखे कचरे के निपटारे की जिम्मेदारी अब संभवतः रिलायंस बायोएनर्जी को दी जा सकती है। नोएडा प्राधिकरण के अनुसार, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में रिलायंस बायोएनर्जी का प्लांट निर्माणाधीन है और यह एक वर्ष के भीतर तैयार हो जाएगा।

अभी तक इंडो इनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस/एवर इनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्रा. लि. (ERMP) और एनटीपीसी के साथ दो एमओयू साइन किए गए थे, लेकिन दोनों में से किसी का कार्य धरातल पर शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में प्राधिकरण इन समझौतों को रद्द करने का विचार कर रहा है।

रिलायंस के प्लांट से होगा दोहरा समाधान

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम के अनुसार, अब गीले और सूखे दोनों प्रकार के कचरे को एक ही जगह प्रोसेस करने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है। रिलायंस बायोएनर्जी से संभावित करार में प्राधिकरण को सिर्फ कचरे का ट्रांसपोर्टेशन करना होगा।

अस्तौली क्षेत्र में पहले से 30 करोड़ की लागत से खरीदी गई भूमि का उपयोग प्लांट लगाने के लिए किया जाएगा। इससे न केवल लागत घटेगी बल्कि निपटारे की प्रक्रिया भी केंद्रीकृत होगी।

पूर्व योजनाएं क्यों फेल हुईं?

प्राधिकरण ने पहले CBG (कंप्रेस्ड बायो गैस) प्लांट और ग्रीन कोल उत्पादन यूनिट स्थापित करने की योजना बनाई थी।

● CBG प्लांट से प्रतिदिन 16,000 किलोग्राम गैस और 100 टन जैविक खाद बनती।
● एनटीपीसी की योजना थी कि वह 1,100 टन मिक्स वेस्ट से टेरिफाइड कोयला बनाएगी, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन में होता।

हालांकि, दोनों योजनाओं में अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई, जिससे प्राधिकरण निराश है।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा से निकलने वाला कचरा

● गीला कचरा (नोएडा): 400 मीट्रिक टन
● सूखा कचरा (नोएडा): 800 मीट्रिक टन
● C&D वेस्ट: 300 मीट्रिक टन
● गीला कचरा (ग्रेटर नोएडा): 300 मीट्रिक टन

रोजाना 1200 मीट्रिक टन से अधिक कचरे के लिए तत्काल और प्रभावी समाधान की आवश्यकता है, जिसे अब रिलायंस बायोएनर्जी पूरा कर सकती है।

क्या होगा फायदा?

निवेश, पर्यावरण और रोजगार को मिलेगा लाभ

● शहर को मिलेगा स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम
● पर्यावरण प्रदूषण में कमी
● रोजगार सृजन में भी होगा योगदान
● कचरे से उर्जा का निर्माण, जिससे सतत विकास को मिलेगा बढ़ावा

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