उत्तर प्रदेश सरकार अब मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत चल रही विकास परियोजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन सिर्फ फाइलों पर नहीं, बल्कि फील्ड विजिट के ज़रिए करेगी। नगर विकास विभाग की हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में इस फैसले को हरी झंडी दी गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU) की संयुक्त टीमों का गठन किया जाएगा, जो नियमित रूप से योजनाओं का स्थल निरीक्षण करेंगी। यह पहल पारदर्शिता और जवाबदेही को सशक्त बनाएगी।
नगर विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वे संबंधित विकास कार्यों की निगरानी, निरीक्षण और समीक्षा समय-समय पर करें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि परियोजनाएं समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी तरीके से पूरी हों।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कहा कि “मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना, नवगठित एवं विस्तारित शहरी निकायों के लिए एक रणनीतिक और निर्णायक योजना है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा। फील्ड विजिट आधारित रिपोर्ट के आधार पर ही कार्यों की समीक्षा की जाएगी।”
बैठक में स्पष्ट किया गया कि परियोजनाएं केवल तय समय में पूरी हों यह पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनकी गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। फील्ड विजिट टीम हर कार्यस्थल पर जाकर इसकी रिपोर्ट तैयार करेगी, जो मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजी जाएगी।
मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना उत्तर प्रदेश के शहरी निकायों में सड़क, सीवरेज, स्ट्रीट लाइटिंग, जल आपूर्ति, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जैसी आधारभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। फील्ड विजिट आधारित मूल्यांकन से सरकार का यह प्रयास न सिर्फ परियोजनाओं की गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि जनविश्वास और निवेशकों की रुचि को भी सुदृढ़ करेगा।