लखनऊ : प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आज राजभवन में महिला सशक्तिकरण की पक्षधर महान वीरांगना देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर उनके जीवन पर आधारित फिल्म ’देवी अहिल्याबाई’ का प्रसारण किया गया।
फिल्म में देवी अहिल्याबाई के संघर्षमय जीवन, सामाजिक न्याय के प्रति उनके दृष्टिकोण, और महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों को अत्यंत प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया। अहिल्याबाई ने न केवल विधवाओं के पुनर्विवाह का समर्थन किया, बल्कि सती प्रथा जैसी कुप्रथा के विरुद्ध भी मजबूत आवाज़ उठाई। उन्होंने अपने प्रशासन में स्त्रियों को सम्मान और संरक्षण दिया तथा समाज के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं लागू कीं।
धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की पक्षधर देवी अहिल्याबाई ने काशी, गया, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारका और सोमनाथ जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों का पुनर्निर्माण करवाया। उनका शासन दया, धर्म, पारदर्शिता और जनसेवा पर आधारित था। उनके द्वारा स्थापित आदर्श आज भी शासन प्रशासन एवं समाज के लिए अनुकरणीय हैं।
इस फिल्म के माध्यम से उपस्थितजनों को देवी अहिल्याबाई होल्कर के तप, त्याग और दृढ़ नेतृत्व से परिचित होने का अवसर मिला। फिल्म की प्रस्तुति ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया और महिला सशक्तिकरण, सामाजिक सुधार तथा सेवा भावना के प्रति जागरूकता को नई दिशा दी।
इस अवसर पर विशेष सचिव श्री राज्यपाल श्री श्री प्रकाश गुप्ता ने कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन समर्पण, सेवा और दृढ़ नेतृत्व का अद्वितीय उदाहरण है। उन्होंने सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने में जिस साहस और दूर दृष्टि का परिचय दिया, वह आज भी हर नागरिक, विशेषकर महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विशेष सचिव श्री राज्यपाल श्री श्रीप्रकाश गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डॉ0 पंकज एल0 जानी सहित राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारीगण, अध्यासित व अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।