वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की धार्मिक मान्यताओं का केंद्र और शिव की प्रिय नगरी है। यह नगरी मोक्ष और आध्यात्मिकता की प्रतीक मानी जाती है।
वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की धार्मिक मान्यताओं का केंद्र और शिव की प्रिय नगरी है। यह नगरी मोक्ष और आध्यात्मिकता की प्रतीक मानी जाती है।
9 विद्यालयों में 9 विधाओं में छह सौ से अधिक स्कूली बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। संस्कृति विभाग व कॉलेजों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहा प्रशिक्षण सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की देखरेख में संपन्न हो रहा है। 22 जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण के उपरांत इन बच्चों को महाकुम्भ से जुड़े सांस्कृतिक मंचों पर अपनी कला दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।
मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य और हर जाति लोगों ने एक साथ संगम में अमृत स्नान किया। इसके साथ दुनिया भर के कई देशों के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज के महाकुंभ में आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला।
महाकुंभ में पहुंचने वाले करोड़ो श्रद्धालुओं के लिये खासा इतंजाम किया गया है लाखो श्रद्धालु महाकुंभ में आस्था की डूबकी लगा चुके है। महाकुंभ नगर में पहुंचने वाले श्रद्वालुओं के लिये ट्रांसपोर्ट ने खास इंतजाम किये है।
प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आगाज आज, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ हुआ। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाकर आस्था प्रकट की और पुण्य लाभ अर्जित किया। यह आयोजन आध्यात्मिकता और परंपराओं का प्रतीक है, जिसमें देश-विदेश से लाखों लोग हिस्सा ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को संगम स्नान के लिए प्रदेश के सभी जिलों से बसें चलाने के निर्देश दिए हैं। शनिवार को उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ को लेकर यूपी रोडवेज द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा की।
महाकुम्भ 2025, धार्मिक व सांस्कृतिक भव्यता के इस आयोजन के लिए प्रयागराज तैयार है, और इस बार यह स्वच्छता व सतत विकास का एक प्रतीक बनेगा। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के अंतर्गत लगभग 152.37 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक व परंपरागत तरीकों का समायोजन करते हुए स्वच्छता प्रबंधन को प्राथमिकता दी जा रही है।
सीएम योगी का दो दिवसीय प्रयागराज दौरा आज, महाकुंभ की तैयारियों को परखेंगे ,सीएम के दौरे से पहले महाकुंभ को लेकर मुख्य सचिव ने की बैठक
सीएम योगी ने प्रयागराज नैनी इलाके में बने बायो-सीएनजी प्लांट का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने संगम एरावत घाट, संगम नोज घाट और गंगा सेतु के समानांतर नवनिर्मित स्टील ब्रिज जैसे प्रमुख स्थानों का भी निरीक्षण किया।
संगम के अरैल तट पर आईआरसीटीसी की लग्जरी टेंट सिटी 'महाकुम्भ ग्राम' बनकर तैयार ,महाकुम्भ ग्राम में 10 जनवरी से लेकर 28 फरवरी तक के लिए बुक कर सकते हैं टेंट
उत्तर प्रदेश के तीर्थराज प्रयाग में आयोजित होने वाला महाकुंभ विश्वप्रसिद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक महोत्सव है। हर 12 साल के अंतराल में लगने वाला महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। प्रयागराज में इस बार महाकुंभ 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी तक गंगा- यमुना के तट पर आयोजित होने वाला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल महाकुम्भ की संकल्पना को साकार करते हुए शुक्रवार को चैट बॉट कुम्भ सहायक लॉन्च कर दिया है। इस चैट बॉट का उद्देश्य महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले 45 करोड़ श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुविधाजनक बनाना है।
महाकुंभ 2025 के लिए वाराणसी से प्रयागराज जाने वाली बसें विशेष रंग में देखी जाएंगी, जिससे तीर्थयात्री दूर से ही इन्हें पहचान सकें। वाराणसी परिक्षेत्र के 8 डिपो से कुल 320 बसें इस मेले के लिए आवंटित की गई हैं।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को अचानक से दिल्ली के दौरे पर पहुंचे। योगी ने वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिर बाद में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।