यूपी में आम चुनाव के परिणाम के बाद एक बार फिर से विधानसभा उपचुनाव को लेकर पारा चढ़ चुका है। वहीं अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के समक्ष एक बार फिर से सीएम योगी की चुनौती होने वाली है।
यूपी में आम चुनाव के परिणाम के बाद एक बार फिर से विधानसभा उपचुनाव को लेकर पारा चढ़ चुका है। वहीं अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के समक्ष एक बार फिर से सीएम योगी की चुनौती होने वाली है।
उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा और डिग्री धारकों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने युवाओं को कौशल विकास पहलों से जोड़ने के प्रयासों को तेज कर दिया है।
पर्यटन सेक्टर का ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) जहां वित्त वर्ष 2016-17 में 11 हजार करोड़ रुपए ही था, वहीं इसे वित्त वर्ष 2028 तक 70 हजार करोड़ रुपए करने के लक्ष्य को लेकर योगी सरकार चल रही है। इसके साथ-साथ सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2028 तक यूपी में 80 करोड़ से अधिक पर्यटकों को यूपी में लाने का है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के किसानों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने पहली बार बाढ़ की वजह से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए किसानों को सहायता धनराशि देकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार है जब किसी मुख्यमंत्री ने खेतों से सिल्ट हटाने के लिए किसानों को मुआवजा दिया है। सीएम योगी की इस पहल का किसानों
सावन में भक्तों के लिए रेलवे की तरफ से लखनऊ के मल्हौर से वाराणसी तक स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। रेलवे की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है। दो जोड़ी साधारण ट्रेनें दोनों 12 अगस्त से 19 अगस्त तक दोनों तरफ आवाजाही करेंगी।
बाराबंकी जिले में सरयू नदी की बाढ़ से लोगों के बीच हाहाकार का माहौल बना हुआ है। ऐसे में रामनगर तहसील क्षेत्र में सरयू नदी की बाढ़ के चलते 55 घर नदी में समा गए हैं, जिसके चलते यहां के सभी लोग अब बेघर हो गए हैं। वहीं कुछ गांव के किनारों पर सरयू नदी से तेजी से कटान हो रहा है, जिसके कारण इन गांवों के लोगों ने अपना
अयोध्या में नवम्बर माह के दौरान आयोजित होने वाली पंचकोसी परिक्रमा से पहले योगी सरकार की ओर से बनाए जा रहे फोर लेन परिक्रमा मार्ग का निर्माण एवं सड़क चौड़ीकरण पूरा कर लिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा अब तक 55 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है।
वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प को पूरा करने में जुटी योगी सरकार के प्रयास रंग ला रहे हैं। सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि हाल ही में नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने प्रदेश के 7 नये मेडिकल कॉलेज को मान्यता देते हुए एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने के लिए हरी झंडी दी थी। इसके लिए सीएम योगी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी
आपको ताज्जुब होगा कि, आगरा में ऐसे कई मोहल्ले हैं जहां 35 सालों से नलों में पानी का नामो-निशान नहीं रहा है। ऐसे में लोग प्राइवेट समर्सिबल लगाकर अपने घरों में पानी की पूर्ति कर रहे हैं। वहीं कही मोहल्ले ऐसे हैं जहां पाइपलाइन है, पर पानी नहीं आता। पर, जब दो-तीन दिन बाद पानी आता है तो इतना गंदा कि उससे बर्तन भी न धोया जा सके। जिसके कारण
नागपंचमी के दिन यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे। जहां उन्होंने ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज का दर्शन पूजन किया।
आज काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ, प्रयागराज में मनाई जा रही है। जिसके अतंर्गत सिविल लाइंस स्थित सुभाष चौराहे से शहीद स्मृति तक यात्रा निकाली जाएगी। फिर ये यात्रा काकोरी चंद्रशेखर आजाद पार्क के गेट नंबर 3 पर रुकेगी। जहां विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा।
यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को 2027 में होने वाले विधानसभा का सेमीफाइलन माना जा रहा है। ऐसे में भाजपा ने पूरा जोर कुछ महीनों में होने वाले उपचुनाव पर लगा दिया है। इसी को ध्यान में रखकर सीएम योगी ने भी अपने तरीके से काम करना शुरू कर दिया है, सरकार और संगठन के बीच चल रहे खींचतान को बीच दो को ही एक टेबल पर
गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। यह कार्रवाई ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कैब ड्राइवरों से जबरन वसूली करने के आरोप में एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के बाद हुई है।
वाराणसी में गंगा-वरुणा नदी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है जिसको देखते हुए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। आज से ही गंगा और वरुणा नदी के बाढ़ संभावित इलाकों में रैन बसेरा लगाने का काम शुरू हो जाएगा।
बाराबंकी में सरयू नदी की धारा बदलकर बहने से आसपास के इलाकों में कटान शुरू हो गया। कटान के चलते पिछले 3 से 4 दिन में 25 से 30 घर नदी में जलमग्न हो गए हैं और अब लोग या तो सड़क पर तिरपाल डालकर रहने को मजबूर हैं या अपना सामान उठाकर रिश्तेदारों के घर जाने पर मजबूर हैं।