उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। इस पावन अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने रडार इमेजिंग उपग्रह से कुछ अनोखी तस्वीरें भेजी हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन शुरू हो चुका है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। इस पावन अवसर पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने रडार इमेजिंग उपग्रह से कुछ अनोखी तस्वीरें भेजी हैं।
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं और कल्पवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए योगी सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने महाकुंभ 2025 को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह तय करने वाली कोई नहीं है कि कौन, कब और कहां डुबकी लगाएगा।
महाकुंभ 2025 में इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने संगम में पुण्य स्नान किया। मंगलवार को वह विश्व की सबसे बड़ी तंबुओं की नगरी पहुंचीं।
महाकुंभ में सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए 1542 मुख्य आरक्षियों की तैनाती की गई है। यह कदम वीवीआईपी मूवमेंट और अमृत स्नान के दौरान संभावित भीड़ को संभालने के उद्देश्य से उठाया गया है।
दंडी संन्यासी सनातन हिंदू धर्म के सर्वोच्च साधक माने जाते हैं। इनकी सबसे बड़ी पहचान उनका ‘दंड’ होता है, जो उनके और परमात्मा के बीच एक पवित्र कड़ी का प्रतीक है।
महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने के लिए योगी सरकार ने ऑनलाइन इंतजाम भी किया है। महाकुम्भ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आने पाए इसके लिए उत्तर प्रदेश वन निगम ने अलाव की लकड़ी की व्यवस्था को भी ऑनलाइन कर दिया है।
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 में नारी सशक्तिकरण का एक नया अध्याय लिखा जाएगा। इस महाकुंभ में मातृ शक्ति ने अखाड़ों से जुड़ने में विशेष रुचि दिखाई है।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के चलते कानपुर के थोक कपड़ा बाजार में कारोबार तेजी से बढ़ा है। साधु-संतों के लिए गेरुआ वस्त्र, कैंप बनाने के लिए कपड़े, और दान-पुण्य के लिए कंबल, रजाई, गद्दे जैसे उत्पादों की मांग ने बाजार को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
महाकुम्भ में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालुओं की सबसे मूलभूत आवश्यकताओं में से 'भोजन' और अन्य खाद्य पदार्थ है,और वर्तमान में खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी सबसे बड़ी चुनौती हैं।ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार और प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं |
वाराणसी, जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की धार्मिक मान्यताओं का केंद्र और शिव की प्रिय नगरी है। यह नगरी मोक्ष और आध्यात्मिकता की प्रतीक मानी जाती है।
प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था का जन सैलाब उमड़ रहा है। पौष पूर्णिमा और मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों की संख्या में लोग महाकुम्भ क्षेत्र में आए, उसमें बहुत से लोग मोबाइल डिस्चार्च होने की वजह से कनेक्टिविटी का लाभ नहीं ले सके।
महाकुम्भ में 10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने संगम क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों का दौरा किया। इस यात्रा में उन्होंने न केवल महाकुम्भ के धार्मिक महत्व को समझा बल्कि भारतीय संस्कृति के अद्भुत पहलुओं को भी अनुभव किया।
9 विद्यालयों में 9 विधाओं में छह सौ से अधिक स्कूली बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। संस्कृति विभाग व कॉलेजों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहा प्रशिक्षण सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की देखरेख में संपन्न हो रहा है। 22 जनवरी तक चलने वाले प्रशिक्षण के उपरांत इन बच्चों को महाकुम्भ से जुड़े सांस्कृतिक मंचों पर अपनी कला दिखाने का अवसर प्राप्त होगा।
Swachh Mahakumbh 2025 : पौष पूर्णिमा स्नान पर्व और मकर संक्रांति के अमृत स्नान के बाद महाकुंभ क्षेत्र को स्वच्छ करने के लिए बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया गया है। घाटों पर गंदगी को तेजी से साफ किया जा रहा है। सफाई कर्मी लगातार घाटों पर तैनात हैं। हर प्रकार की गंदगी को हटाने का कार्य जारी है।