“पहले जय श्रीराम बोलने पर लाठी चलती थी। 2017 से पहले न यहां सुरक्षा थी, न बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था। अयोध्या उपेक्षा और अव्यवस्था का शिकार थी।”
“पहले जय श्रीराम बोलने पर लाठी चलती थी। 2017 से पहले न यहां सुरक्षा थी, न बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था। अयोध्या उपेक्षा और अव्यवस्था का शिकार थी।”